रायपुर:आज अक्षय तृतीया है. इस शुभ दिन पर छत्तीसगढ़ में मिट्टी के गुड्डे- गुड़ियों का ब्याह कराने का रिवाज है. प्रदेशभर में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी के आकर्षक खिलौनों और पूजा सामग्री की दुकानें सजी हुई हैं. लोग गुड्डे- गुड़ियां खरीद रहे हैं. छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया को अक्ती कहा जाता है. बच्चे पुतरे-पुतरी (गुड्डे- गुड़िया) की शादी कराते हैं.
अक्षय तृतीया को विवाह के लिए बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं इस दिन बिना मुहूर्त देखे किसा भी वक्त शादी कर सकते हैं. प्रदेश में सालों से ये परंपरा धूम-धाम से मनाई जा रही है. मंडप में तेल, हल्दी की रस्म निभाई जाती है. जो रस्में शादी में निभाई जाती हैं, वो सब गुड्डे- गुड़िया की शादी में होती हैं. गुड्डे को सेहरा बांधा जाता है, गुड़िया दुल्हन की तरह सजाई जाती है. मालपुए बनाए जाते हैं.