रायपुर:भारत में लगातार खेलों को बढ़ावा देने के लिए टूर्नामेंट ऑर्गेनाइज किए जा रहे हैं. क्रिकेट के साथ-साथ फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी जैसे अन्य खेलों को भी भारत में अब तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है. भारत के सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिला खिलाड़ी भी पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही है. छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन कर रहे हैं. ऐसी ही एक छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सोनी का चयन साउथ एशियन गेम्स अंडर 15 गर्ल्स फुटबॉल चैंपियनशिप में रैफरी के लिए किया गया है. ETV भारत ने रैफरी आकांक्षा सोनी से खास बातचीत की. आइए जानते है उन्होंने क्या कहा
सवाल :- कब से शुरू किया फुटबॉल खेलना, किस का सपोर्ट मिला?
जवाब :- जब मैं 11 साल की थी तब मैंने अपना स्कूल चेंज किया था. जे.आर दानी गर्ल्स स्कूल में छठवीं क्लास में मेरा एडमिशन हुआ. तभी से मैंने फुटबॉल खेलना शुरू किया. मुझे फुटबॉल खेलना नहीं आता था इसीलिए शुरू शुरू में मुझे बहुत मुश्किलें हुई. लेकिन धीरे धीरे मैंने फुटबॉल खेलना सीखा. मेरे घर से मुझे हमेशा सपोर्ट मिला और मेरे मम्मी पापा ने कभी मुझे खेलने से नहीं रोका. इसी वजह से मैंने फुटबॉल में नेशनल लेवल तक टूर्नामेंट्स खेले हैं. भाई बहन ने जरूर बोला कि पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो खेल पर ज्यादा ध्यान नहीं तो लेकिन मम्मी पापा के सपोर्ट से मुझे हौसला मिला.