रायपुर: जाति मामले पर बनी छानबीन समिति ने अजीत जोगी की जाति को निरस्त करने का फैसला सुनाया है. समिति ने कहा है कि अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं. जोगी का कहना है कि उन्हें इसकी विधिवत जानकारी नहीं मिली है. वे 20 अगस्त को छानबीन समिति के सामने पेश हुए थे.
अजीत जोगी ने कहा कि, 'भूपेश की उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.' जोगी ने कहा कि वो इस फैसले उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.
- जोगी ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मीडिया के जरिए मिली है.
- जोगाी ने कहा कि भूपेश उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने फैसला दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं.
- जोगी ने कहा कि ये कोई मधुर पाटिल की हाई पावर समिति नहीं थी, इसमें भूपेश बघेल के हस्ताक्षर पर फैसला लिया गया.
- साल 1986 में शासकीय सेवा के दौरान जाति मामले में कुछ नहीं हुआ. जैसे ही मैं राज्यसभा में आया 1987 में इंदौर में मनहोरा दलाल ने याचिका लगाई थी: जोगी
- इंदौर हाईकोर्ट (बेंच), जबलपुर हाईकोर्ट, बिलासपुर हाईकोर्ट, 1987 से न्यायालय पालिका ने मेरे पक्ष में निर्णय दिया: जोगी