रायपुर: एम्स को प्रदेश की न्याय धानी जाने की बिलासपुर में खोला जाएगा या उसका निर्माण किसी अन्य जिले में किया जाएगा. इस प्रश्न का जवाब देते हुए राज्यमंत्री स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहा कि " एम्स हमारी ऐसी उपलब्धि बन रही है कि हर एक को लगता है कि हमारे क्षेत्र में एम्स आये, लेकिन जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 22 एम्स लेकर गए हैं. जिसमें हर एक राज्य में एक एम्स को लेना है और इस विचार से अभी हम 22 एम्स तक पहुंचे हैं. वहीं हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि यह जल्द से जल्द फंक्शनल हो जिससे हम आगे की योजनाओं पर विचार करेंगे."
AIIMS Convocation: रायपुर एम्स में हुआ पहला दीक्षांत समारोह, 850 स्टूडेंट्स को मिली डिग्री - एमबीबीएस
रायपुर के एम्स में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. साल 2012 से 2016 के 5 बैच को डिग्री दी गई. जिसमें कुल 850 स्टूडेंट्स को डिग्री देकर सम्मानित किया गया. इन 5 सालों के बैच में बीएससी नर्सिंग की साल 2013 से 17 तक के 5 बैच के 292 छात्र, एमडी, एमएस, एमडीएस के 120 छात्र, एमएससी नर्सिंग की 8 स्टूडेंट और मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के 5 छात्रों को डिग्री दी गई.
"विद्यार्थी के लिए एक अविस्मरणीय पल":भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि " दीक्षांत समारोह हर एक विद्यार्थी के लिए एक अविस्मरणीय पल होता है. आज एम्स में 500 से अधिक विद्यार्थियों को डिग्री दी गई. एम्स रायपुर का यह पहला दीक्षांत समारोह बहुत ही यादगार और ऐतिहासिक पल रहा है." कार्यक्रम में ईटीवी भारत द्वारा गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों से भी बातचीत की गई. नर्सिंग की गोल्डमेडिलिस्ट छात्रा दीक्षा रोहिला ने बताया कि "गोल्ड मेडल लेकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. पर कभी-कभी ऐसा लगता है कि इस प्रेशियस मोमेंट में काश फैमली वाले भी साथ होते पर किसी रीजन के वजह से मेरे फैमिली वाले आज साथ नहीं हैं."
कन्वोकेशन में रीयूनियन जैसा लग रहा:एमबीबीएस पासआउट स्टूडेंट गौरव ने कहा कि "कन्वोकेशन में आकर बहुत अच्छा लग रहा है यह काफी समय तक डिले हो गया था तो बहुत साल बाद आकर कन्वोकेशन में एक रीयूनियन की तरह महसूस हो रहा है. काफी साल बाद मैं अपने बैचमेट से मिला हूं. आगे के प्लांस को लेकर अभी मैं श्योर नहीं हूं. मेरा एमबीबीएस के बाद एमडी हो चुका है अभी सुपरस्पेशलिटी को लेकर मैं विचार कर रहा हूं."
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गोल्डमेडिलिस्ट निकिता ने कहा कि "सभी स्टूडेंट के चाहत होती है कि जब वह किसी इंस्टिट्यूट में आए तो यहां से वह कुछ मेमोरी लेकर जाए, तो गोल्ड मेडल मिलना मेरे लिए एक मैमोरेबल मोमेंट है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मैं दिल्ली के दिचाऊ कला गांव से बिलॉन्ग करती हूं. मेरे परिवार में मैं पहली मेडिकल प्रोफेशन में काम करने वाली हूँ. रायपुर आने से पहले मुझे मेरे परिवार ने कहा था कि रायपुर एक अच्छी सिटी नहीं है लेकिन रायपुर आने के बाद मुझे रायपुर दिल्ली से भी अच्छी सिटी लगी."