रायपुर: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या के मंदिर का नारियल लेने से इनकार (Ravindra Choubey refused coconut of Kaushalya) कर दिया. यह आरोप संविदा कर्मचारियों ने मंत्री पर लगाया है. संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वे नारियल लेकर मंत्री रविंद्र चौबे के पास पहुंचे थे, मंत्री की उनसे मुलाकात भी हुई. लेकिन उन्होंने चंदखुरी से लाया नारियल लेने से इनकार कर दिया और बंगले से लौटा दिया. मंत्री के इस व्यवहार से संविदा कर्मियों में काफी आक्रोश है. मामले पर अब भीजपा की तरफ से प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने ने भी मंत्री रवींद्र चौबे पर निशाना साधा है. Raipur latest news
नारियल विवाद पर गरमाई राजनीति मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे संविदा कर्मी:सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संगठन के लोग मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलने उनके बंगले पहुंचे हुए थे. यह सभी अलग अलग विभागों में संविदा पर काम कर रहे हैं. लंबे वक्त से कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत थे. मंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की मांग करना चाह रहे थे. इनकी मंत्री से मुलाकात भी हुई, लेकिन मंत्री ने चंदखुरी स्थित कौशल्या मंदिर (Kaushalya temple in raipur) से ले गए नारियल को लेने से इनकार कर दिया. मंत्री ने संविदा कर्मियों को कहा कि वे समय लेकर मंत्रालय में मिलने पहुंचे. इसके बाद संविदा कर्मी निराश होकर मंत्री के बंगले से बाहर आ गए.
यह भी पढ़ें: मनी लॉन्ड्रिग केस: ईडी जेल में भी निलंबित आईएएस बिश्नोई समेत कारोबारियों से कर रही पूछताछ कर्मचारियों को मंत्रालय आकर मिलने को कहा: कर्मचारियों के संगठन से जुड़े हेमंत सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि "पिछले दिनों चंदखुरी तक कर्मचारी पैदल यात्रा निकालकर पहुंचे थे. माता कौशल्या के दरबार में मत्था टेककर नियमितीकरण की मनोकामना मांगी थी, हजारों दीपक जलाए थे. मनोकामना नारियल हम मंत्री को भेंट करना चाहते थे. उनसे मिलकर अपनी समस्या साझा करना चाहते थे. लेकिन उन्होंने नारियल लेने से इनकार कर दिया और कह दिया कि मंत्रालय आकर मिलना."
अपॉइंटमेंट के बाद भी मंत्री से नहीं हुई मुलाकात:हेमंत सिन्हा ने कहा कि "इसके पहले भी जब हम रविंद्र चौबे से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे, उन्होंने ऐसा ही कह कर हमें लौटा दिया था. जब हम मंत्रालय पहुंचकर समय लेकर उनसे मिलने वाले थे, तो अपॉइंटमेंट दिए जाने के बाद भी मंत्री से मुलाकात नहीं हुई. उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने कह दिया कि मंत्री के पास मिलने का समय नहीं है और हमें मंत्रालय से भी लौटा दिया गया. अब हमारे साथ यही हो रहा है. हम मंत्री के बंगले जाते हैं, तो वह मंत्रालय आने को कहते हैं और मंत्रालय जाते हैं, तो वहां पर भी मंत्री नहीं मिलते."
माता कौशल्या का अपमान का लगाया आरोप: प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि "कौशल्या माता का मंदिर बनाने का दिन रात बखान करने वाली कांग्रेस सरकार शायद माता का सम्मान रखेगी, यह सोंचकर कर्मचारी चंद्रखुरी स्थित माता के मंदिर तक पदयात्रा करते हुए पहुंचे. कौशल्या माता के सामने संकल्प और आस्था का नारियल अर्पित किया. इसके बाद वे नारियल भेंट करने सरकार के प्रवक्ता मंत्री रवींद्र चौबे के यहां पहुंचे, तो उन्होंने मुलाकात करने तथा माता का नारियल लेने से इंकार कर दिया. यह ठग सरकार द्वारा माता कौशल्या का अपमान है."
जनता के साथ ठगी करने का लगाया आरोप: प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि "कालनेमी कांग्रेसी सनातन धर्म का, भगवान राम का और माता कौशल्या का अपमान करते रहते हैं. चंद्रखुरी के माता कौशल्या के मंदिर का नारियल तक रविंद्र चौबे ने स्वीकार नहीं किया. इनका दिखाने का स्वरूप अलग है और वास्तविक स्वरूप अलग है. कांग्रेस के लोग कौशल्या माई के मंदिर का नारियल स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जनता इन्हें भी स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि "शराबबंदी लागू करने के लिए गंगाजल हाथ में लेने वालों ने गंगा मैया को धोखा दिया है और अब नियमितिकरण का वादा कर कर्मचारियों को ठगने वालों ने माता कौशल्या का भी अनादर कर दिया. यह सरकार हिंदुत्व का अपमान करने व जनता से विश्वासघात करने का ठेका लेकर बैठी है. छत्तीसगढ़ की जनता के साथ ठगी कर रही है, छल कर रही है.