रायपुर: छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने गरीबों और किसानों को गोधन न्याय योजना से होने वाले बेनिफिट की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के हजारों गौ पालकों और गोबर विक्रेताओं को फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि गोबर विक्रेताओं को भूपेश सरकार ने चौथी किस्त का भुगतान किया है.
मंत्री रविंद्र चौबे ने गोधन न्याय योजना की दी जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सरकार हर 15-15 दिन में गोबर खरीदी के बाद गौ पालकों और गोबर विक्रेताओं को उनकी राशि का भुगतान कर रही है. इसी के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चौथी किस्त का भुगतान किया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 लाख 58 हजार पंजीकृत पशुपालक हैं. इस योजना के तहत 5 हाजर 454 गौठानों से गोबर खरीदी की गई है.
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गोबर विक्रेताओं को 8 करोड 2 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान
चौबे ने बताया कि यह योजना भूमिहीन गरीबों के लिए काफी लाभदायक है. गौ पालकों और गोबर विक्रेताओं में लगभग 44 प्रतिशत महिलाएं गोबर बेचने का काम कर रही हैं. इसके साथ ही इस काम में 23 प्रतिशत ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनके पास जमीन नहीं है. यही कारण है कि यह योजना गरीबों के लिए काफी लाभदायक है. मंत्री चौबे ने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 83 हजार 809 गौ पालकों और गोबर विक्रेताओं को 8 करोड 2 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन भुगतान किया गया है.
15 सितंबर तक राज्य के 3,122 गौठानों में गोबर की खरीदी की गई
किसानों को चौथी किश्त की यह राशि एक सितंबर से 15 सितंबर तक राज्य के 3,122 गौठानों से खरीदे गए 4 लाख एक हजार 475 क्विंटल गोबर के एवज में की गई. इस योजना के तहत अबतक कुल 20 करोड़ 72 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है. योजना का अधिकतम लाभ प्रदेश के गरीबों, भूमिहीनों और गौ-पालकों को मिल रहा है.
गौठानों में गोबर खरीदी की व्यवस्था की जाएगी
बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत हितग्राहियों को 15-15 दिवस में राशि भुगतान किया जा रहा है. अब तक 20 करोड़ 72 लाख रूपए की राशि बीते चार पखवाड़ों में क्रय किए गए हैं. गोबर के एवज में दी जा चुकी है. इससे गरीब ग्रामीणों और पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिल रहा है. वर्तमान समय में गौठानों में तीस हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद का उत्पादन हुआ है. आने वाले समय में इसकी मात्रा और बढ़ोत्तरी होगी. वर्मी खाद के विपणन की व्यवस्था भी की जाएगी. सभी ग्राम पंचायतों में गौठान निर्माण का लक्ष्य और सभी गौठानों में गोबर खरीदी की व्यवस्था की जाएगी.