रायपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की विस्तृत जानकारी दी. सीतारमण ने कहा कि देश की ज्यादातार आबादी खेती से जुड़ी हुई है, लिहाजा उस सेक्टर पर फोकस करना जरूरी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपए के कृषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एलानों पर हमने खास बात की जैविक कृषक और आइफा के संयोजक राजाराम त्रिपाठी से. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि खेती-किसानी के लिए समग्र पैकेज की जरूरत थी, जिसे पूरा किया गया. उन्होंने केंद्र सरकार की घोषणाओं का स्वागत किया.
छत्तीसगढ़ को मिलेगा फायदा
राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 74 हजार 300 करोड़ रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्रावधारित किया गया है. ये राशि क्या केंद्र की एजेंसियों के जरिए किसानों का उत्पादन खरीदेगी या राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने के लिए देगी, इसे स्पष्ट होना बाकी है. राजाराम त्रिपाठी ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ को क्या मिलेगा, ये घोषणा में स्पष्ट नहीं हो रहा है, लेकिन ये कृषि पर आधारित राज्य है, तो फायदा जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने आइफा के कई सुझावों पर काम किया है. उन्होंने ये भी कहा कि किसानों की जो फसल खराब हुई है, इन योजनाओं से अन्नदाताओं को सीधा फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि किसानों को तत्काल फायदा मिले, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए.
न्यूनतम खरीद मूल्य पर किसान का उत्पाद खरीदा जाए
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में सुधार किया जाएगा. इस पर कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि न्यूनतम खरीद मूल्य पर अगर किसी किसान का उत्पाद खरीदा जाए, तो इसके लिए दंड का प्रावधान होना चाहिए.
'छत्तीसगढ़ में हो हर्बल उत्पादों की खेती'