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आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त: कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने जताई खुशी, लेकिन उम्मीद बाकी

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Published : May 15, 2020, 9:59 PM IST

Updated : May 16, 2020, 4:40 PM IST

आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त के संबंध में कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने जताई खुशी है. उन्होंने ETV BHARAT से खास बातचीत करते हुए छत्तीसगढ़ के कृषि के संबंध में चर्चा की है. जनिए क्या कहा कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने...

rajaram tripathi Agricultural expert
राजाराम त्रिपाठी कृषि विशेषज्ञ

रायपुर: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की विस्तृत जानकारी दी. सीतारमण ने कहा कि देश की ज्यादातार आबादी खेती से जुड़ी हुई है, लिहाजा उस सेक्टर पर फोकस करना जरूरी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपए के कृषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की.

आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त पर चर्चा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एलानों पर हमने खास बात की जैविक कृषक और आइफा के संयोजक राजाराम त्रिपाठी से. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि खेती-किसानी के लिए समग्र पैकेज की जरूरत थी, जिसे पूरा किया गया. उन्होंने केंद्र सरकार की घोषणाओं का स्वागत किया.

कृषि विशेषज्ञ से बातचीत

छत्तीसगढ़ को मिलेगा फायदा

राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 74 हजार 300 करोड़ रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्रावधारित किया गया है. ये राशि क्या केंद्र की एजेंसियों के जरिए किसानों का उत्पादन खरीदेगी या राज्यों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करने के लिए देगी, इसे स्पष्ट होना बाकी है. राजाराम त्रिपाठी ने ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ को क्या मिलेगा, ये घोषणा में स्पष्ट नहीं हो रहा है, लेकिन ये कृषि पर आधारित राज्य है, तो फायदा जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने आइफा के कई सुझावों पर काम किया है. उन्होंने ये भी कहा कि किसानों की जो फसल खराब हुई है, इन योजनाओं से अन्नदाताओं को सीधा फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि किसानों को तत्काल फायदा मिले, इस पर सरकार को विचार करना चाहिए.

न्यूनतम खरीद मूल्य पर किसान का उत्पाद खरीदा जाए

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में सुधार किया जाएगा. इस पर कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि न्यूनतम खरीद मूल्य पर अगर किसी किसान का उत्पाद खरीदा जाए, तो इसके लिए दंड का प्रावधान होना चाहिए.

'छत्तीसगढ़ में हो हर्बल उत्पादों की खेती'

हर्बल उत्पादों की खेती पर राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 2001 में ही छत्तीसगढ़ को विधानसभा में ''हर्बल राज्य'' घोषित करने की मांग हुई. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकारों को हर्बल की खेती पर जोर देना चाहिए. कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि 44 फीसदी जंगल जिस राज्य में हों, जहां के ज्यादातर जिले आदिवासी बहुल हों, वहां की सरकारों के पास अगर हर्बल की खेती का रोडमैप न हो, तो इससे ज्यादा दुर्भाग्यजनक कुछ नहीं हो सकता.

कलस्टर अभिधारणा को राजाराम त्रिपाठी ने बेहद अच्छा बताया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर या सरगुजा में कोई नया काम करने के लिए किसान तैयार नहीं होते. इस अवधारणा का स्वागत है. यहां हल्दी, मसाले, मूसली, केसर, चाय और कॉफी की खेती की संभावनाएं हैं. यहां जैव विविधता और जलवायु विविधता दोनों बेहतरीन हैं.

गौठान योजना का स्वागत

राजाराम त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ की गौठान योजना का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के लिए भी सरकार को ध्यान देना चाहिए. पशुपालन में बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए विकास फंड बनाने का फैसला किया गया है. इस ढांचे के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया जा रहा है. कृषि विशेषज्ञ ने इसका भी स्वागत किया.

मछली पालन और मधुमक्खी पालन के लिए घोषणाओं का स्वागत

मछुआरों के लिए सरकार की घोषणा का भी कृषि विशेषज्ञ राजाराम त्रिपाठी ने स्वागत किया है. मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों के लिए 500 करोड़ रुपए का पैकेज दिया जा रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पालन बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि शहद हमारे देश में बहुत बिकता है. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ शहद छत्तीसगढ़ में मिलता है. 500 करोड़ रुपए में से कुछ राशि छत्तीसगढ़ को मिलनी चाहिए.

राजाराम त्रिपाठी ने सरकार के एलान को 100 में से 70 नंबर दिए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के दर्द को और समझे यही उम्मीद है.

Last Updated : May 16, 2020, 4:40 PM IST

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