रायपुर : आदिपुरुष फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ है. लोग इस फिल्म की आलोचना कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस फिल्म के समर्थन में भी खड़े हैं. लेकिन सवाल यह है कि जो रामायण पहले पढ़ी सुनी और देखी गई थी उसके बाद इस फिल्म के संवाद और दृश्यों का आने वाली पीढ़ी पर क्या प्रभाव पड़ेगा. खासकर यदि गर्भवती महिलाएं इस फिल्म को देखती हैं तो उनके पैदा होने वाले बच्चे पर किस तरह का असर देखने को मिलेगा. क्योंकि कहा जाता है कि जब बच्चा गर्भ में रहता है तो गर्भवती महिलाओं के आसपास का वातावरण रहन-सहन खान-पान बोलचाल और आचार विचार का पैदा होने वाले बच्चे पर प्रभाव डालते हैं.बच्चा अपनी मां के पेट में ही कई सारी बातों को सीख लेता है.
अभिमन्यु ने गर्भ में ही सीखा था चक्रव्यूह के अंदर प्रवेश करने का तरीका :इसका उल्लेख हमारे पुराने ग्रंथों में भी है. हम महाभारत के समय की बात करें तो अर्जुन के बेटे अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में घुसने की कला मां के गर्भ में रहते हुए सीखी थी.उनके पिता अर्जुन, जब सुभद्रा को चक्रव्यूह भेदकर बाहर निकलने का तरीका बता रहे थे, तो सुभद्रा सो गईं थी. इसलिए अभिमन्यु चक्रव्यूह में घुसने का तरीका तो सीख गए,लेकिन उससे निकलने का नहीं. जिस वजह से कौरव और पांडव युद्ध के दौरान अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदकर अंदर तो घुस गया लेकिन बाहर नहीं निकल सका और उसकी मौत हो गई.
गर्भ में ही बच्चों को दिए जा सकते हैं संस्कार :ऑबस्टेट्रीशियन ऐंड गॉयनेकॉलाजिस्ट (प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ) डॉ. नीरज पहलाजानी के मुताबिक मां बच्चे की पहली पाठशाला होती है, चौथे पांचवें महीने से मां के गर्भ में पल रहा बच्चा आसपास की हलचल को महसूस कर सकता है. यही वजह है कि कहा जाता है कि जब कोई महिला गर्भवती हो तो उसके खान पान रहन सहन उठने बैठने बोलचाल का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
आसपास धार्मिक माहौल बनाने से गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग पर असर पड़ता है. जैसे धार्मिक ग्रंथों का पढ़ना और इन ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ रामायण है. कहा जाता है कि गर्भवती महिलाओं के रामायण पढ़ने, सुनने और देखने से पैदा होने वाले बच्चे पर अच्छा प्रभाव होता है . ज्यादातर गर्भवती महिलाएं रामायण पढ़ती और सुनती हैं. रामायण फिल्म, रामायण धारावाहिक देखती हैं. इससे उनका बेटा सुंदर स्वस्थ और संस्कारी होता है. -डॉ. नीरज पहलाजानी,ऑबस्टेट्रीशियन एंड गॉयनेकॉलाजिस्ट
आदिपुरुष देखने पर पड़ सकता है बड़ा असर :आदिपुरुष फिल्म को लेकर डॉक्टर का भी मानना है कि लोग इस फिल्म को रामायण का अपडेट वर्जन मानकर देखने के लिए गए थे. लेकिन जब लोगों के सामने फिल्म आई तो सबकुछ बदला जा चुका था.लोगों को अब अपने बच्चों को समझाने में दिक्कत आ रही है कि उन्होंने राम और रावण की क्या छवि दिखाई थी और यहां क्या देखने को मिल रहा है. हनुमान के संवाद निम्न स्तर के हैं. जो बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालती है.