रायपुर: सार्वजनिक स्थलों और चौक-चौराहों पर नाबालिग बच्चों से भिक्षावृत्ति कराए जाने वालों पर प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है. शहर में बच्चों से भिक्षावृत्ति कराए जाने की लगातार शिकायत को बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग और चाइल्ड लाइन की टीम के साथ खुद तेलीबांधा इलाके के मरीन ड्राइव में जाकर भिक्षावृत्ति में लिप्त नाबालिगों और उनके परिजनों से बातचीत की. इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता नेहा, संरक्षण अधिकारी संजय निराला, चाइल्ड लाइन के समन्वयक प्रवीण और पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
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राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने बताया कि बच्चों से भिक्षावृत्ति कराने की शिकायत मिल रही थी, जिसके बाद संयुक्त टीम बनाकर मौके पर पहुंचकर परिजनों को सख्त चेतावनी और समझाइश दी गई है. बच्चों से भिक्षावृत्ति, बाल श्रम करना या करवाना दोनों दण्डनीय अपराध है. किसी भी स्थिति में बच्चों से ऐसा कृत्य न कराया जाए. उन्होंने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति और बाल श्रम के लिए प्रेरित करने वाले के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
डाटा बेस किया जा रहा तैयार
आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाहर के राज्यों से आकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में रहकर भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों का डाटा बेस तैयार किया जाए, ताकि उनके राज्यों में उन्हें स्थानांतरित किया जा सके. शहर के कई जगहों पर बच्चों से भिक्षावृत्ति कराई जा रही थी. इसकी शिकायत लोग लगातार पुलिस विभाग और बाल अधिकार संरक्षण आयोग से करते आ रहे हैं.