रायपुर: डीकेएस अस्पताल घोटाले में नया मोड़ आया है. छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस घोटाले के एक महत्वपूर्ण सूत्रधार और पीएनबी मुख्य ब्रांच रायपुर के तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है.
डीकेएस अस्पताल फर्जीवाड़े में गिरफ्तारी
पुलिस ने दर्ज किया प्राथमिक बयान
गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सुनील का प्राथमिक बयान भी दर्ज कर लिया है. अग्रवाल पर आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉ. पुनीत गुप्ता को डीकेएस अस्पताल के लिए 65 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने की बैंकिंग प्रक्रिया पूरी कराई थी. सुनील की अनुशंसा के बाद ही पीएनबी ने लोन की रकम स्वीकृत की थी.
पीएनबी की बंधक प्रॉपर्टी है डीकेएस अस्पताल
गौरतलब है कि लोन की एवज में यह सरकारी अस्पताल इन दिनों पीएनबी की बंधक प्रॉपर्टी है. खबर है कि सुनील पूछताछ के दौरान पुलिस के सवालों से बचते नजर आए. सुनील अग्रवाल को विस्तृत पूछताछ के लिए रायपुर लाया जा सकता है.
दस्तावेजों की कराई जाएगी तस्दीक
फर्जी दस्तावेजों और लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया को लेकर जब्त सभी दस्तावेजी प्रमाणों की तस्दीक सुनील अग्रवाल से कराई जाएगी. यह भी जानकारी मिल रही है कि डॉ पुनीत गुप्ता की सहायता के लिए सुनील अग्रवाल ने भी कई सरकारी नियम और प्रक्रियाओं की अनदेखी की थी और इसलिए भी उसका बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.