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रायपुर: अब तक 94 प्रतिशत किसानों ने किया धान का विक्रय

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Published : Jan 24, 2021, 1:46 PM IST

रायपुर जिले में कुल पंजीकृत किसानों में से लगभग 94 प्रतिशत किसानों ने इस साल धान का विक्रय किया है. इन किसानों को 8 हजार 916 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है.

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धान खरीदी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरदी को 2 महीने का वक्त पूरा होने वाला है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या पीछले साल के किसानों से ज्यादा है. यहीं कारण है कि इस साल छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का पिछले 20 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. रायपुर जिले में पीछले साल की तुलना में इस साल किसानों से 20 प्रतिशत ज्यादा धान की खरीदी की गई है.

इस साल प्रदेश के कुल 1 लाख 21 हजार 671 किसानों का पंजीयन कराया है. जो पिछले साल के किसानों की तुलना 4 हजार 996 ज्यादा है. खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ के 1 लाख 16 हजार 675 किसानों ने पंजीयन कराया था. जिले में इस साल 1 लाख 15 हजार 605 पंजीकृत किसानों में से अब तक लगभग 4 लाख 77 हजार मीट्रिक टन ज्यादा धान का उपार्जन किया गया है. पीछले साल इस अवधि तक 1 लाख 16 हजार 665 किसानों ने 3 लाख 81 हजार 375 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया था.

छत्तीसगढ़ में बंपर धान खरीदी

धान खरीदी के रिकॉर्ड का ग्राफ हर दिन के साथ बढ़ता जा रहा है. खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में 22 जनवरी तक प्रदेश में 86 लाख 50 हजार 164 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. अब तक राज्य के 19 लाख 83 हजार 658 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है. राज्य के मिलर्स को 28 लाख 85 हजार 825 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है. मिलर्स ने अब तक 26 लाख 6 हजार 203 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया है. सरकार की ओर से अबतक 14 हजार 960 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों के खाते में ऑनलाइन किया गया है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी तक धान की खरीदी होनी है.

पढ़ें: धान खरीदी के सिर्फ 4 दिन: 11 हजार से ज्यादा किसानों ने अब तक नहीं बेचा धान

9 हजार 96 नए किसानों का पंजीयन

जिला विपणन अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल गिरदावरी के माध्यम से जिले में लगभग 9 हजार 96 नए किसानों ने पंजीयन किया है. इस साल जिले में 5 लाख 12 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन अनुमानित है. उन्होंने बताया कि शेष धान उपार्जन के लिए लगभग 1 हजार 756 गठान बारदानों की आवश्यकता होगी. बारदाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है.

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