रायपुर: रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन हुआ. इस महाधिवेशन में पूरे देश से कांग्रेस के 15 हजार से ज्यादा नेता और सैंकड़ो पदाधिकारी शामिल हुे. कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के साथ साथ पार्टी के थिंक टैंक कहे जाने वाले नेताओं ने तीन दिन के इस महामंथन में शिरकत किया. साल 2023 के विधानसभा चुनाव के साथ साथ साल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी कांग्रेस के आला नेताओं ने इस अधिवेशन में चर्चा की.
कांग्रेस अधिवेशन का पहला दिन: रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन शुक्रवार यानि 24 फरवरी को शुरू हुआ. शुक्रवार को कांग्रेस संचालन समिति(स्टीयरिंग कमेटी) ने सर्वसम्मति से सीडब्ल्यूसी के चुनाव नहीं कराने का फैसला किया. समिति ने कांग्रेस अध्यक्ष को सदस्यों को नामित करने के लिए अधिकृत किया. खास बात यह रही कि संचालन समिति की बैठक में गांधी परिवार के सदस्य शामिल नहीं हुए.
शुक्रवार शाम को पार्टी की विषय समिति (सब्जेक्ट कमेटी) की बैठक हुई. इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद रहे. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार सुबह यानी कांग्रेस अधिवेशन के दूसरे दिन पहुंचीं.
कांग्रेस अधिवेशन का दूसरा दिन: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सत्र के दूसरे दिन शनिवार को नेताओं को संबोधित किया. शनिवार को राजनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रस्तावों पर चर्चा कर उन्हें पारित किया गया. इस अधिवेशन में करीब 85 सशोधन प्रस्ताव रखे गए और उसे पास किया गया. जिसमें मुख्य संशोधन आरक्षण पर था. इसमें पीसीसी के विस्तार पर प्रस्ताव रखा गया. पीसीसी डेलीगेट्स और ब्लॉक डेलीगेट्स में पदाधिकारी स्तर पर संशोधन का प्रस्ताव पास किया. उसके बाद आरक्षण से जुड़े संशोधन को पारित किया गया. 50 परसेंट आरक्षण एसटी, एससी, दलितों और पिछड़ों को देने की बात कही गई. इसके अलावा कांग्रेस के 50 फीसदी पद को अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित करने की बात कही गई
कांग्रेस अधिवेशन का तीसरा दिन: राहुल गांधी ने पार्टी डेलिगेट्स को संबोधित किया. कृषि, युवा और सामाजिक न्याय के तीन प्रस्ताव पर चर्चा हुई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समापन संबोधन दिया. इसके बाद पब्लिक रैली हुई.