रायपुर :छत्तीसगढ़ में आज से 82 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है. इसके संबंध में सरकार ने आरक्षण संशोधन अध्यादेश 2019 को राजपत्र में प्रकाशित भी कर दिया है, जिसके बाद आज से पूरे राज्य में ये प्रभावशील हो गया है.
छत्तीसगढ़ में आज से लागू हुआ 82 फीसदी आरक्षण राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) संशोधन अध्यादेश 2019 का छत्तीसगढ़ के राजपत्र (असाधारण) में आज 4 सितंबर 2019 को प्रकाशित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य में अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया गया था, जो राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही पूरे राज्य में प्रभावशील हो गया है.
अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी मिलेगा आरक्षण राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण ) अधिनियम 1994 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खंड (1) से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संशोधित कर नया अध्यादेश जारी किया गया है.
अनुसूचित जाति को 13 और अनुसूचित जनजाति को 32% आरक्षण राजपत्र के कुछ मुख्य बिंदु
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से अभिप्राय है- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए व्यक्ति जिसके परिवार की सकल वार्षिक आय 8 लाख रूपए से कम है.
- आय में आवेदन के साल से पहले के वित्तीय वर्ष के लिए सभी स्त्रोतों यानि वेतन, कृषि, व्यवसाय, वृत्ति आदि से होने वाली आय शामिल होगी.
गरीब सवर्णों को मिला 10 फीसदी आरक्षण
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के रूप में ऐसे परिवार के व्यक्तियों को चिन्हित नहीं किया जाएगा जिनके पास-
- 5 एकड़ या उससे ज्यादा की कृषि भूमि.
- एक हजार वर्ग या इससे अधिक का आवासीय फ्लैट.
- अधिसूचित नगरपालिकाओं में सौ वर्ग गज य इससे अधिक का आवासीय प्लॉट.
- अधिसूचित नगर पालिकाओं से अलग क्षेत्रों में दो सौ वर्ग गज य इससे अधिक का आवासीय प्लॉट हो भले ही परिवार की आय कुछ भी हो.