रायपुर: कोरोना संक्रमण के बीच बॉन्डेड डॉक्टरों ने (bonded doctors) वेतन कटौती के आदेश को लेकर विरोध शुरू कर दिया है. अस्पतालों में सेवाएं दे रहे बॉन्डेड डॉक्टरों ने सरकार के इस फैसले को लेकर नाराजगी जताई है. डॉक्टरों ने सरकार पर सामानता के अधिकार के उल्लंघन का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अभी उनका काम बंद करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन भविष्य में अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं तो मजबूरन सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं. इस मामले में जल्द ही वे सीएम से मुलाकात कर सकते हैं.
25,000 वेतन कटौती का आदेश
छत्तीसगढ़ सरकार (chhattisgarh Government ) ने संविदा अनुबंध डॉक्टरों की सैलरी में कटौती (bonded contract doctors salary cut ) करने का फैसला लिया है. 28 मई को जारी आदेश में वेतन में 25,000 रुपए की कटौती कई गई है. पिछले 4 महीने से डॉक्टरों को हर महीने 75,000 रुपए सैलरी मिल रही थी. अब उसे घटाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है. प्रदेश में करीब 800 संविदा अनुबंध डॉक्टर कार्यरत हैं.
फैसले का विरोध
बॉन्डेड डॉक्टर पुष्पेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि, 28 मई को रायपुर मेडिकल कॉलेज ने एक ऑर्डर निकाला है, जिसमें हमारी बढ़ी हुई सैलरी में कटौती की जाने की जानकारी दी गई है. सैलरी कटौती क्यों की जा रही है. इस बारे में स्पष्ट कारण नहीं बताया है. उन्होंने बताया कि मेकाहारा में 100 के आसपास संविदा चिकित्सक हैं. जिसमें 40 संविदा अनुबंधित डॉक्टर हैं. उनका कहना है कि अभी MBBS और PG करके बॉन्डेड पोस्टिंग ली है. पिछले तीन महीने से हमको 75 हजार रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन नए फरमान में 25 हजार रुपए की कटौती की जा रही है. इस कोविड महामारी के बीच में इस तरह का आदेश निकाले जा रहे हैं जो जायज नहीं है. हमारे साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है.