छत्तीसगढ़

chhattisgarh

रायपुर: गणपति विसर्जन के लिए बनाए गए 40 अस्थाई कुंड, कोरोना के मद्देनजर जारी किए गए ये नियम

By

Published : Aug 31, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 4:41 PM IST

रायपुर में गणपति विसर्जन के लिए 40 अस्थाई कुंड बनाए गए हैं. जिसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. महापौर एजाज ढेबर ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सारी तैयारियां की गई है.

ganesh visarjan 2020 raipur
गणपति विसर्जन के लिए बनाए गए 40 अस्थाई कुंड

रायपुर:1 सितंबर को देशभर में गणपति विसर्जन होने जा रहा है. राजधानी रायपुर में इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बड़ी मूर्तियां स्थापित नहीं की गई हैं. घरों की बात की जाए तो करीब 7 से 8 हजार छोटी मूर्तियां स्थापित की गई हैं. हर साल की तरह इस साल गणपति का विसर्जन महादेव घाट स्थित विसर्जन कुंड में किया जाएगा. विसर्जन को लेकर नगर निगम ने जोन स्तर पर अस्थाई विसर्जन कुंड बनाए हैं. ताकि तालाबों में गणेश प्रतिमा विसर्जित ना की जा सके.

गणपति विसर्जन के लिए बनाए गए 40 अस्थाई कुंड

नगर निगम महापौर एजाज ढेबर ने बताया कि महादेव घाट के विसर्जन कुंड में 7 हजार से 8 हजार मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है. रायपुर नगर निगम और पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. जिससे किसी भी तरह की परेशानी ना हो. इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है और पूरी तरह से कैंपस सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेगा. नगर निगम का अमला विसर्जन के दौरान लोगों की मदद के लिए मौजूद रहेगा.

1 सितंबर से 4 सितंबर तक विसर्जन की व्यवस्था

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बनाए गए नियम

महापौर ने बताया कि विसर्जन करते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाएगा. एक मूर्ति के साथ सिर्फ 4 लोगों को विसर्जन में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही तालाबों में गणपति विसर्जन नहीं किया जाएगा. रायपुर नगर निगम अंतर्गत 10 जोन में 40 अस्थाई बनाए गए हैं, जहां लोग मूर्ति विसर्जन कर सकेंगे. झांसी शहर के बूढ़ा तालाब, कंकाली तालाब और अन्य तालाबों में मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाए इसके लिए नगर निगम की टीम भी तैनात रहेगी.

1 सितंबर से 4 सितंबर तक विसर्जन की व्यवस्था

नगर निगम ने 1 सितंबर से 4 सितंबर तक गणपति विसर्जन की व्यवस्था की है. विसर्जन के दौरान पूजन की सामग्री को अलग से रखना होगा ताकि किसी प्रकार का प्रदूषण नदीं में न हो. नगर निगम ने लोगों से अपील की है कि कम से कम संख्या में गणपति विर्सजन करने पहुंचे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके. गणपति विसर्जन के लिए महादेव घाट स्थित कुंड में संस्कृत कॉलेज के 10 पंडितों की व्यवस्था की गई है, जो प्रतिमा को विसर्जन से पूर्व मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर उसे विसर्जित करेंगे.

पढ़ें- SPECIAL: बारसूर जहां स्थापित है गणपति की जुड़वा मूर्ति, दर्शन से सब मनोकामना होती है पूरी

हर साल शहर में ढोल नंगाड़े और गाजे-बाजे के साथ गणपति का विसर्जन किया जाता था. लेकिन इस साल कोरोना के मद्देनजर बड़े ही सरल तरिके से विसर्जन की प्रक्रिया की जाएगी. जिसमें ज्यादा लोगों को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी. महापौर का कहना है कि खारून नदी का पानी प्रदुषित न हो इसके लिए विसर्जन कुंड के पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा, जिसके बाद ही उसे नदी में छोड़ा जाएगा. ताकि नदी प्रदुषित न हो.

Last Updated : Aug 31, 2020, 4:41 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details