रायपुरः टेरर फंडिंग (Terror funding case) मामले में रायपुर कोर्ट (Raipur court) ने सिमी (SIMI, Students Islamic Movement of India) आतंकी संगठन (SIMI terrorists) से जुड़े 4 आरोपियों को दोषी करार दिया है. विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने यह फैसला सुनाया है. चारों आरोपी धीरज साव, जुबैर हुसैन, आयशा बानो और पप्पू मंडल को 10-10 साल की सजा दी गई है. दोषी धीरज और पप्पू मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. धीरज रायपुर में रहकर टेरर फंडिंग का काम कर रहा था.
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पाकिस्तान से धीरज के खाते में पैसा आता था. धीरज उन पैसों को बांटने का काम करता था. उनके साथ कर्नाटक के रहने वाले जुबैर और आयशा भी इसमें शामिल थे. 2013 में खमतराई थाने में यह केस दर्ज हुआ था
आतंकी खालिद से होती थी धीरज की बातचीत
टेरर फंडिंग मामले में कोर्ट के फैसले के मुताबिक दोषी धीरज पाकिस्तान के खालिद से लगातार बातचीत कर रहा था. उसी के कहने पर उसने कुछ लोगों से परिचय पत्र और फोटो को फर्जी तरीके से प्राप्त कर सिम खरीदा और ICICI बैंक में अकाउंट खुलवाया. जिसमें खालिद द्वारा समय-समय पर कई बार 20-25 लाख रुपए डाले गए. इतना ही नहीं उसके निर्देश पर 13% राशि कमीशन काटकर शेष राशि को धीरज ने आतंकवादी संगठन के सदस्यों को बांटने का काम कर रहा था. धीरज के नाम से दो खाते उसके गृह जिला जुमई बिहार में भी हैं. उसमें से भी लगातार फंडिंग हो रही थी. वहीं इस मामले में दर्जन भर आरोपी भी शामिल हैं, जो लंबे समय से फरार चल रहे हैं.