रायपुर: मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है. मनरेगा के तहत काम शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है. शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के सभी उपायों के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है. बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 32 हजार 841 मजदूर काम कर रहे हैं.
मनरेगा के तहत अभी बिलासपुर जिले की 273 ग्राम पंचायतों में 835 कार्य संचालित हैं. इससे 20 हजार 957 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. बिल्हा जनपद पंचायत के 89 ग्राम पंचायतों में 228 कार्य, कोटा के 54 ग्राम पंचायतों में 294, मस्तूरी के 68 ग्राम पंचायतों में 159 और तखतपुर के 62 ग्राम पंचायतों में 154 कार्य प्रगति पर है. बिल्हा जनपद पंचायत में 5,612, कोटा में 3,898, मस्तूरी में 3,842 और तखतपुर में 7,605 मजदूर इन कार्यों में लगे हुए हैं.