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Published : Apr 20, 2020, 10:48 PM IST

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32 हजार से अधिक ग्रामीणों को मिला रोजगार, मनरेगा ने दिया जीवनदान

लॉकडाउन के दौरान मनरेगा का काम शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है. बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 32 हजार 841 मजदूर काम कर रहे हैं.

manrega work starts in lockdown
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की संजीवनी बनी मनरेगा

रायपुर: मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है. मनरेगा के तहत काम शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है. इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है. शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के सभी उपायों के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी सुनिश्चित कराया जा रहा है. बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 32 हजार 841 मजदूर काम कर रहे हैं.

32 हजार से अधिक ग्रामीणों को मिला रोजगार

मनरेगा के तहत अभी बिलासपुर जिले की 273 ग्राम पंचायतों में 835 कार्य संचालित हैं. इससे 20 हजार 957 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है. बिल्हा जनपद पंचायत के 89 ग्राम पंचायतों में 228 कार्य, कोटा के 54 ग्राम पंचायतों में 294, मस्तूरी के 68 ग्राम पंचायतों में 159 और तखतपुर के 62 ग्राम पंचायतों में 154 कार्य प्रगति पर है. बिल्हा जनपद पंचायत में 5,612, कोटा में 3,898, मस्तूरी में 3,842 और तखतपुर में 7,605 मजदूर इन कार्यों में लगे हुए हैं.

मनरेगा के तहत मजदूरों को मिल रहा काम

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की 131 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत 672 काम चल रहे हैं. इनमें 11 हजार 884 मजदूर कार्यरत हैं. गौरेला जनपद पंचायत के 41 ग्राम पंचायतों में 156 कार्य, पेंड्रा के 30 ग्राम पंचायतों में 185 और मरवाही के 60 ग्राम पंचायतों में 331 कार्य संचालित हैं. बिल्हा जनपद पंचायत के 3 हजार 154, पेंड्रा के 3 हजार 812 और मरवाही के 4 हजार 918 श्रमिकों को इन दिनों विभिन्न मनरेगा कार्यों से रोजगार मिला हुआ है.

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