रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के उपायों के लिए राज्य सरकार एक्टिव मोड पर काम कर रही है. रोजाना कई बड़े और जरूरी फैसले भी लिए जा रहे हैं. कोरोना वायरस के खतरे के बीच लॉकडाउन बढ़ने के चलते प्रदेश में सैनिटाइजर और मास्क की डिमांड बढ़ गई है. जिसकी वजह से इन जरूरी चीजों की कालाबाजारी भी सामने आई है, हालांकि सरकार इसके खिलाफ सख्त है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की 3 डिस्टिलरी को सैनिटाइजर बनाने का काम सौंपा है इन्हें मिला लाइसेंस
राज्य शासन के खाद्य और औषधि नियंत्रक प्रशासन ने मुंगेली जिले के मेसर्स भाटिया, वाइन मर्चेन्ट्स (पी) लिमिटेड धूमा (सरगांव) और दुर्ग जिले के मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज़ लिमिटेड (कुम्हारी) को सैनिटाइजर बनाने का काम सौंपा है.
सैनिटाइजर की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर ही इसे बनाने का काम शुरू कर दिया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर के लिए 3 डिस्टिलरी को लाइसेंस दिया है. ETV भारत की टीम ने डिस्टिलरी प्रबंधन से सैनिटाइजर के प्रोडक्शन से संबंधित जानकारी ली है.
इन डिस्टिलरी में राज्य सरकार के खाद्य और औषधि विभाग की निगरानी में सैनिटाइजर का निर्माण किया जा रहा है. कोरोना वायरस की रोकथाम के उपायों के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर (हैण्ड रब सॉल्यूशन) के औद्योगिक निर्माण के लिए 3 डिस्टिलरी को लाइसेंस दिया है. राज्य शासन ने मुंगेली के मेसर्स भाटिया, वाइन मर्चेन्ट्स (पी) लिमिटेड धूमा (सरगांव) और दुर्ग के मेसर्स छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज़ लिमिटेड (कुम्हारी) को सैनिटाइजर बनाने का काम सौंपा है.
सस्ते दामों में उपलब्ध करा रहे सैनिटाइजर
डिस्टलरी प्रबंधकों का कहना है कि 'रॉ मटेरियल और लेबर की दिक्कतों के बाद भी एक बात की खुशी है कि इस विपरीत हालात में हम सस्ते दामों में छत्तीसगढ़वासियों को सैनिटाइजर उपलब्ध करवाने में सफल हुए हैं'.
3 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाया गया
कोरोना की वजह से पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ में भी सैनिटाइजर की खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, इसलिए स्थानीय स्तर पर प्रोडक्शन शुरू किया गया है, जहां 3 लाख लीटर से ज्यादा सैनिटाइजर बनाया जा चुका है. सरकार यहां बनने वाले सैनिटाइजर को कम दामों में मार्केट में उपलब्ध करवा रही है.