रायपुर: CGMSC के पूर्व एमडी और दुर्ग स्थित ड्रग वेयर हाउस की सहायक प्रबंधक द्वारा दवा सप्लायर से सांठगांठ कर अमानक आयुर्वेदिक दवाओं की खरीदी का मामला प्रकाश में आया है. जिसका लगभग 53 लाख रुपये का भुगतान इन अधिकारियों और दवा कंपनियों के साथ सांठगांठ कर किया गया है.
53 लाख रुपये के बंदरबांट में फंसे दो दिग्गज सीएम भूपेश के नाम पत्र
कांग्रेस स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव सहित छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिडेट के वर्तमान एमडी भुवनेश्वर यादव को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराए जाने की मांग की है.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
राकेश गुप्ता के अनुसार CGMSC ने 1 मार्च 2018 को आयुर्वेदिक दवाई कैथरीन सीरप, ऐसीगोंन सीरप, भूषण ग्राइप सीरप, स्पास सीरप और रोमाल्या ऑइंटमेंट खरीदी के लिए लगभग 53 लाख रुपये जारी किए गए थे. इन दवाओं की सप्लाई का जिम्मा दिल्ली की दो एजेंसी को सौंपा गया था. इसके बाद वेयरहाउस प्रभारी महिमा दुबे ने CGMSC के आला अधिकारियों से लिखित शिकायत किया गया था, जिसमें उन्होंने लिखा कि बोतल में लीकेज होने की वजह से सीरप खत्म हो रहा है, रोमाल्या ऑइंटमेंट के पीछे का हिस्सा फटे होने की वजह से दवा बाहर निकल रही है, लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई.
जानकारी के बाद भी कर दिया गया भुगतान
इसी कड़ी में सहायक प्रबंधक ने प्रबंध संचालक को 20 मार्च 2018 को सूचना भेजी थी. जिसके आधार पर दोनों एजेंसियों का भुगतान रोक दिया गया था, लेकिन 26 सितंबर 2018 को सहायक प्रबंधक ने एक पत्र लिखकर उन्हें दवाओं को पास करने की सूचना दी. जिसके बाद एजेंसियों को करीब ₹53 लाख का भुगतान कर दिया गया. इस पूरे मामले की जांच की मांग राकेश गुप्ता ने सरकार से की है.