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154 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर का कायाकल्प, मंदिर में फ्रीडम फाइटर्स की लगेंगी तस्वीरें

Banke Bihari Temple रायपुर में 154 साल पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है.इस मंदिर की खासियत ये है कि ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का केंद्र रहा है.लिहाजा मंदिर पूरा बनने के बाद यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीरें भी लगेंगी.Pictures Of Freedom Fighters Displayed In Temple

Banke Bihari Temple
154 साल पुराने बांके बिहारी मंदिर का कायाकल्प

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 27, 2023, 11:07 PM IST

Updated : Jan 1, 2024, 6:15 PM IST

बांके बिहारी मंदिर का कायाकल्प

रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लगभग 150 साल से ज्यादा पुराना बांके बिहारी मंदिर है. ये मंदिर सदर बाजार में है.इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां पर फिल्मी हस्तियां भी अपना मत्था टेक चुकी हैं.लेकिन अब इस पुराने मंदिर को तोड़कर नए सिरे से बनाया जा रहा है.मंदिर के दोबारा बनने के बाद बांके बिहारी की मूर्ति के साथ यहां कई स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें भी लगाई जाएंगी.

मंदिर में लगेगी स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें :मंदिर प्रबंधन का मानना है कि इस मंदिर का स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से नाता रहा है. यही वजह है कि मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. कुछ लोग इस पर आपत्ति भी जाता रहे हैं.उनका कहना है कि मंदिर भगवान की पूजा अर्चना के लिए होता है. यहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर का क्या मतलब होगा.

फिल्मी सितारों का भी लगता था जमावड़ा


100 साल पुरानी है मूर्ति :जानकारी के मुताबिक इस मंदिर में स्थापित बांके बिहारी की मूर्ति लगभग 100 साल से ज्यादा पुरानी है.मूर्ति अष्टधातु की बनी हुई है. इसकी ऊंचाई 3 फीट के आसपास है. साथ ही छोटी-छोटी राम और सीता की प्रतिमा भी इस मंदिर में स्थापित की गई है. ये प्रतिमाएं भी अष्टधातु से बनी है.रायपुर के सदर बाजार स्थित बांके बिहारी मंदिर के पुजारी अरुण कुमार मिश्रा ने बताया कि यहा सीताराम और बांके बिहारी की मूर्ति है. यह मंदिर लगभग 154 साल पुराना है. जिसका पुनर्निर्माण कराया जा रहा है.

पृथ्वी राजकपूर आ चुके हैं बांके बिहारी मंदिर

एक साल में मंदिर होगा तैयार :पुजारी की माने तो1 साल निर्माण कार्य के लिए लगेंगे.तब तक मंदिर की प्रतिमा को पास के ही एक दुकान में स्थापित किया गया है. कहा जाता है कि लगभग 50 साल होने के बाद मूर्ति जागृत हो जाती है. जो भी लोग अपनी मनोकामना लेकर इस मंदिर में आते हैं. उनकी वह मनोकामना पूर्ण होती है.मंदिर में साल में चार बड़े आयोजन कृष्ण जन्माष्टमी, शरद पूर्णिमा, अन्नकूट और राधाष्टमी पर होते हैं. इसके अलावा साल भर समय-समय पर धार्मिक आयोजन किए जाते हैं.



नहीं है कोई दूसरा मंदिर :बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया कि यह मंदिर लगभग 154 साल पुराना है. बैजू अग्रवाल ने इस मंदिर की स्थापना की थी. इस मंदिर में 1970-72 के आसपास अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए राज कपूर रायपुर आए थे.उस दौरान वे इस मंदिर पहुंचे और भगवान का आशीर्वाद लेते हुए मन्नत मांगी. ऐसा प्राचीन बांके बिहारी का मंदिर पूरे छत्तीसगढ़ में दूसरा नहीं है.

''यह मंदिर और आसपास का क्षेत्र बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का मुख्य केंद्र भी रहा है और अब यह सौभाग्य कमेटी को मिला है कि इस मंदिर का पुनर्निर्माण करा रहा है. जो कि आम जनता के सहयोग से चल रहा है.'' अशोक अग्रवाल, अध्यक्ष, बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट


गर्भ गृह में लगेंगी स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें :अशोक अग्रवाल के मुताबिक ये मंदिर पुराने जमाने में स्वतंत्रता सेनानियों के मिलने का केंद्र रहा है.इसलिए मंदिर निर्माण के बाद इसके गर्भ गृह में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें लगाई जाएंगी.क्योंकि आने वाली पीढ़ियों को ये याद रहे कि धर्म की रक्षा के लिए कितने लोगों ने अपना बलिदान दिया है.


फिल्मी हस्तियां मंदिर में मांग चुकी हैं मन्नत :वहीं मंदिर में स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर लगाने का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. स्थानीय निवासी अजय कुमार सोनी बताते हैं कि उनके दादा के पिताजी इस मंदिर से जुड़े थे. पहले परदेसिया समाज इस मंदिर की देखरेख करता था. उसके बाद अग्रवाल समाज इस मंदिर की देखरेख करने लगा. कई बड़े फिल्म इंडस्ट्री के लोग भी यहां पहुंचे थे. राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर भी यहां पहुंचे थे. दो-तीन लोग यहां आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. जिनकी तस्वीर हमारे पास आज भी मौजूद हैं।


स्थानीय लोग कर रहे हैं विरोध :वही मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर लगाये जाने को लेकर सोनी ने कहा कि इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन पूर्व में जो मंदिर से जुड़े हनुमान प्रसाद थे.वो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और उसी को ध्यान में रखते हुए समाज के लोगों ने फैसला लिया है कि यहां पर भगवान की मूर्ति के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तस्वीर भी लगाई जाए. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का क्या मतलब है. क्योंकि मंदिर पूजा स्थल है और पूजा स्थल पर किसी व्यक्ति विशेष को नहीं होना चाहिए.


किन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की होंगी तस्वीरें :मंदिर निर्माण के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हनुमान प्रसाद दुबे, राजेंद्र प्रसाद चौबे, वल्लभ दास गुप्ता, मोती लाल त्रिपाठी, ठाकुर रामकृष्ण सिंह, हरि ठाकुर, ठाकुर सच्चिदानंद सिंह, प्राणनाथ तिवारी, रामाधार तिवारी, ठाकुर घनश्याम सिंह शिव बालक गंगेले, मन्त्रूलाल सोनी, महेश दत्त शुक्ल, पीजी उमाले और रामाधार चंद्रवंशी की तस्वीर भी लगाई जाएगी.

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Last Updated : Jan 1, 2024, 6:15 PM IST

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