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छत्तीसगढ़ के 12 जातीय समूह अनुसूचित जनजाति में शामिल - छत्तीसगढ़ के कुछ समुदाय ST में शामिल

छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में कई जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.Some communities of Chhattisgarh includes in ST

12 castes of Chhattisgarh included in ST list
छत्तीसगढ़ के 12 जातीय समूहों को बड़ी राहत

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Published : Sep 14, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 8:01 PM IST

रायपुर: केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के 12 जातीय समूहों को बड़ी राहत दी है. केंद्रीय कैबिनेट ने इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति यानी ST की सूची में शामिल करने के संशोधन विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पिछले साल प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसकी मांग की थी.Some communities of Chhattisgarh includes in ST

जनजातीय समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा

केंद्र सरकार ने जिन 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति के लिए प्रस्तावित किया है उसमें भारिया भूमिया (BhariaBhumia) के पर्याय के रूप में भूईंया (Bhuinya), भूईयां (Bhuiyan), भूयां (Bhuyan) Bharia नाम के अंग्रेजी संस्करण को बिना बदलाव किए भरिया (Bharia) के रूप में भारिया (Bharia) का सुधार किया गया है. वहीं पांडो के साथ पंडो, पण्डो, पन्डो और धनवार (Dhanwar) के पर्याय के रूप में धनुहार (Dhanuhar), धनुवार (Dhanuwar) को भी शामिल किया जा रहा है. गदबा (Gadba, Gadaba) और गोंड (Gond) के साथ गोंड़ को भी शामिल किया जाएगा.

वहीं कौंध (Kondh) के साथ कोंद (Kond) और कोडाकू (Kodaku) के साथ कोड़ाकू (Kodaku) शामिल होगा. नगेसिया (Nagesia), नागासिया (Nagasia) के पर्याय के रूप में किसान (Kisan) को और धनगढ़ (Dhangad) के बदले रूप धांगड़ (Dhangad) को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल जाएगा.

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला : छत्तीसगढ़ और हिमाचल के कुछ समुदाय ST में शामिल

आदिवासियों को मिलेगा हक: प्रदेश के पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा है कि " मोदी सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 20 लाख से ज्यादा आदिवासी जो थोड़ी सी त्रुटि की वजह से जनजाति समुदाय को मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहे, अब उन्हें अपना हक मिल सकेगा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित सभी भाजपा नेताओं ने कई बार इसको लेकर प्रयास किया. आज सभी के अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप लाखों आदिवासी नौकरी, शिक्षा और जनजाति समुदाय को मिलने वाले ऐसे कई अधिकार प्राप्त कर सकेंगे, जिससे वो अब तक वंचित रहे. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र भी लिखा था."

गागड़ा ने कांग्रेस को घेरा

गागड़ा ने कांग्रेस को घेरा: पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने कहा "कांग्रेस सरकार ने अपनी गलत राजनीतिक मंशा की वजह से इस मामले को लटकाए रखने का बहुत प्रयास किया. लेकिन मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए कई जातियों को अनुसूचित जनजाति समाज में शामिल कर उनके जीवन की बेहतरी के लिए सबसे बड़ा निर्णय लिया है. मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद कुमार साय, राम विचार नेताम, केदार कश्यप,जनजाति मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम सहित सभी ने प्रसन्नता जताते हुए मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया है."

Last Updated : Sep 14, 2022, 8:01 PM IST

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