रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राम वन गमन पथ के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है. सरकार ने यह फैसला लिया है कि जिन-जिन स्थानों पर राम गमन क्षेत्र के प्रमाण मिलते हैं, उन्हें विकसित किया जाएगा.
बघेल का बहीखाता: राम वनगमन पथ के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान
जिन-जिन स्थानों पर राम गमन क्षेत्र के प्रमाण मिलते हैं, उन्हें विकसित किया जाएगा.
ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास काल के दौरान लंबा समय यहां गुजारा था. जिस मार्ग से भगवान राम वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ से होकर गुजरे थे, उनमें सरगुजा के रामगढ़ के साथ-साथ विश्रामपुर, मैनपाट, धरमजयगढ़, लक्ष्मण पादुका, चंद्रहासिनी चंद्रपुर, शिवरीनारायण, कसडोल भी शामिल है.
इसके अलावा सिरपुर, फिंगेश्वर, राजिम, पंचकोशी, मधुबन, रुद्री होते हुए सिहावा का भी जिक्र है, जहां भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के चरण पड़े थे. चित्रकोट, बारसूर, गीदम, सुकमा और भद्राचलम में भी भगवान राम से जुड़ी निशानियां मिली हैं. इन सारे जगहों को मिलाकर राम वनगमन पथ का विकास किया जाएगा.