रायगढ़ : उचित व्यवस्था नहीं होने की वजह से हर साल बारिश का पानी नदी ,नालों में बह जाता है और इसकी वजह से भूमिगत जल स्त्रोत में कोई अंतर नहीं आता. लेकिन इस बार रायगढ़ जिले में मानसून से पहले भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए हैंडपंप और नल कनेक्शन के पास रिचार्ज पिट बनाया जाएगा, जिससे भूमिगत जल स्रोत को बढ़ाने में मदद मिलेगी और पानी का संचय आसानी से किया जा सकेगा.
रायगढ़: भू-जल का संरक्षण के लिए हैंडपंप और नलों के पास बनाए जाएंगे वाटर रिचार्ज पिट
रायगढ़ कलेक्टर ने बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए हैंडपंप और नालों के पास वाटर रिचार्ज पिट बनाने की बात कही. जिसकी व्यवस्था ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत की जाएगी.
कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन में भूमिगत जल का दोहन बहुत कम हुआ है. इस बार भू जल स्तर नीचे जाने की समस्या जिले में नहीं रही, लेकिन बीते साल भू जल समस्या विकराल थी, लिहाजा भविष्य में इस तरह की परेशानी न हो, इसके लिए रायगढ़ कलेक्टर ने भूजल संवर्धन और जल स्तर बढ़ाने के लिए सभी हैंडपंप और नल के पास वाटर रिचार्ज पीट बनाने की बात कही है, इसकी व्यवस्था ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत की जाएगी.
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रिचार्ज पीट जल संरक्षण सबसे अच्छा तरीका
कलेक्टर ने कहा कि भूमिगत जल सीमित रहता है, इसे संचित करना बेहद जरूरी है . इसीलिए भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए हर हैंडपंप के किनारे रिचार्ज पीट बनाया जाएगा, जिससे उपयोग किया हुआ पानी वापस धरती में चला जाएगा. इस तरह जल का दोहन नहीं होगा. साथ ही ऐसे उद्योग जो नदी नालों का पानी उपयोग न कर भूमिगत जल का उपयोग करते हैं, उनके ऊपर भी जांच करके कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा बारिश के पानी को संरक्षित करने का रिचार्ज पीट सबसे अच्छा तरीका है.