रायगढ़:जिला महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह रोकने के लिए अब ऐसी तरकीब निकाली है, जिसे जानकर आपको भी आश्चर्य होगा. जी हां, बाल विवाह रोकने के लिए जिले में अनूठी पहल की जा रही है, जिसमें प्रिंटिंग प्रेस से शादी का कार्ड छपवाने वालों और मंदिरों में शादी करने वालों को जन्म प्रमाण पत्र देना होगा. कलेक्टर के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने ये पहल की है.
बाल विवाह रोकने के लिए अनूठी पहल, कार्ड में दूल्हा-दुल्हन की जन्म तिथि छापना जरूरी. प्रिंटिंग प्रेस और मंदिर के पुजारियों को मिला निर्देश
शादी के कार्ड छापने वाले जिले के सभी प्रिंटिंग प्रेस को निर्देशित किया गया है कि, कार्ड छापने से पहले दूल्हा-दुल्हन के परिजन से उनका जन्म प्रमाण-पत्र ले लें और कार्ड प्रिटिंग के वक्त दूल्हा-दुल्हन के नाम के नीचे उनके जन्म की तारीख जरूर छापें.
ऐसा ही निर्देश मंदिर में विवाह करने वाले लोगों के लिए भी दिया गया है. जिसके मुताबिक शादी कराने वाले पुजारी पहले ये सुनिश्चित कर लें कि, लड़का-लड़की बालिग हैं या नहीं, इस संबंध में उनसे जन्म प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है और इसके बाद शादी की रस्म शुरू की जाए.
बाल विवाह अधिनियम के तहत होगा अपराध दर्ज
अगर कहीं भी जन्म प्रमाण पत्र लिए बिना और शादी के कार्डों में जन्म की तारीख छापे बिना अगर शादी करने का कोई मामला सामने आता है, तो बाल विवाह अधिनियम के तहत प्रिंटिंग प्रेस और मंदिर के पुजारी पर अपराध दर्ज किया जाएगा.
नियम का उल्लंघन करने पर की जाएगी कड़ी कार्रवाई
पूरे मामले में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी का कहना है कि, 'इस तरह की पहल से लोगों में जागरूकता आएगी और बाल विवाह भी कम होगा. फिर भी अगर लोग शासन के इस नियम का उल्लंघन करते हैं, तो उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'