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रायगढ़: जमीन पट्टा पर देने के लिए विभाग कर रहा है सर्वे - रायगढ़ रे अवैध कॉलोनियों का सर्वे

राज्य सरकार ने सरकारी जमीनों पर बसी अवैध कॉलोनियों के सर्वे करने का आदेश दिया है. जिला प्रशासन को सारी जानकारी राज्य शासन को 25 अक्टूबर तक सौंपना है.

नगर पालिका निगम, रायगढ़

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Published : Oct 15, 2019, 6:56 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:50 PM IST

रायगढ़: प्रदेश के शहरी आवासहीन परिवारों को स्थाई व्यवस्था देने के लिए पूर्व में लागू की गई "राजीव गांधी आश्रय योजना" के तहत जिले के सभी सरकारी जमीनों पर बसे अवैध कॉलोनियों का सर्वे कर भूमि पट्टा तैयार किया जा रहा है. राज्य शासन ने इसके लिए 25 अक्टूबर तक का समय दिया है.

रायगढ़: जमीन पट्टा पर देने के लिए विभाग कर रहा है सर्वे

जिला प्रशासन ने इसके लिए 22 सदस्यीय टीम गठित की है. प्रशासन नगर पालिका, नगर पंचायत और नगर निगम के आवासहीन लोगों की जानकारी जुटा रही है. वहीं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन लोगों को पट्टा देने की पात्रता देने के लिए नियम बनाए गए हैं. शहरी क्षेत्र के लोगों को पट्टा तभी दिया जाएगा जब उनके राशन कार्ड, आधार कार्ड उनके नाम पर किसी तरह की कोई निजी जमीन न हो.

पात्र हितग्राही को निम्न जगहों पर इतनी क्षेत्रफल की जमीन पट्टा दी जाएगी

  • नगर पंचायत क्षेत्र में 1000 वर्ग फुट
  • नगर पालिका क्षेत्र में 800 वर्ग फुट
  • रायगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में 700 वर्ग फुट

इसके साथ ही भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए विकास शुल्क के रूप में 10 साल तक विकास शुल्क लिया जाएगा.

इन दरों पर पर लिया जाएगा विकास शुल्क

  • नगर पंचायत क्षेत्र में 5 रुपए प्रति वर्ग फुट
  • नगर पालिका क्षेत्र में 10 रुपए प्रति वर्ग फुट
  • नगर निगम क्षेत्र में 10 रुपए प्रति वर्ग फुट

ऐसे भूमि पर काबिज लोगों को पट्टा नहीं दिया जाएगा जो सड़क, तालाब, नहर और सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर काबिज हो.

Last Updated : Oct 16, 2019, 1:50 PM IST

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