रायगढ़: जिले के लाखा गांव में केलो नदी पर बना केलो बांध या दिलीप सिंह जूदेव परियोजना केलो परियोजना के नाम से जाना जाता है. रायगढ़ शहरवासियों, यहां के उद्योगों, रायगढ़ और जांजगीर जिले के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के मकसद से इस योजना को बनाया गया. साल 2014 में पूरी हुई इस योजना से अब तक सिर्फ उद्योगों को पानी मिल रहा है. किसानों के खेतों को आज भी पानी मिलने का इंतजार है.
किसानों की मानें तो सूखे पड़े उनके खेतों को आज भी पानी नहीं मिल सका है. अधिकारी 2021 तक किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का दावा कर रहे हैं. वहीं समाजसेवियों का कहना है कि अधिकारियों की लेटलतीफी और राजनीतिक दलों की उदासीनता के कारण करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी 2025 तक इस योजना से किसानों को पानी मिलना मुश्किल है. बता दें कि इस योजना में लगभग 9 करोड़ रुपए अब तक खर्च हो चुके हैं.
रायगढ़ और जांजगीर जिले के किसानों को पानी देने के लिए केलो परियोजना को जिले में लाया गया. इस योजना के तहत लाखा गांव में केलो बांध बनाकर पानी को संग्रहित करने की योजना बनाई गई. इस योजना का उद्देश्य रायगढ़ शहरवासियों, उद्योगों और किसानों के खेतों में पानी की व्यवस्था करना था. आधा दशक बीत जाने के बाद भी इस योजना से आज तक एक भी किसान के खेत तक पानी नहीं पहुंच सका, लेकिन उद्योग इसका भरपूर उपयोग कर रहे हैं.
खेतों तक नहीं पहुंच रहा पानी
रायगढ़ जिले से लगे पटेलपाली, गढ़उमरिया के किसान बताते हैं कि परियोजना के सबसे नजदीक होने के बाद भी आज तक उनके खेतों तक पानी नहीं पहुंचा है. किसानों को इससे फायदा हो, इस उद्देश्य से लोगों ने इस परियोजना के लिए अपनी जमीन तक दे दी, लेकिन नहर का पानी खेतों के स्तर से इतना नीचे होता है कि बरसात के दिनों में भी किसान उसका पानी इस्तेमाल नहीं कर पाते.