रायगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते दिहाड़ी मजदूरों और किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन में दुग्ध उत्पादक किसानों को भी बहुत नुकसान हुआ है. जिसके विरोध में शुक्रवार को जिले के दुग्ध उत्पादकों ने अनोखा विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने कई लीटर दूध को मुफ्त में बांट दिया. बता दें कि दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध की खपत करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.
दुग्ध उत्पादक दूध को गली-गली बांटकर पेट पालने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि कई बार समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी उनकी कोई मदद प्रशासन ने नहीं की, जिसके बाद वे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
दुग्ध उत्पादक किसानों ने मुफ्त में बांटे कई लीटर दूध बंद है होटल व्यवसाय
कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम के लिए 25 मार्च से देश को लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में होटल व्यवसाय भी बंद है. ग्रीन जोन में विभिन्न व्यवसाय खोलने के लिए छूट दी गई है. दुग्ध उत्पादों को भी छूट दी गई है, लेकिन होटल व्यवसाय को नहीं खोला गया है. गांव-गांव से दूध लेकर शहर और आसपास के होटलों में दूध बेचने वाले दुग्ध उत्पादक किसानों को अब इसे गली-गली में बांटना पड़ रहा है.
गाय का खर्च
दुग्ध उत्पादक किसानों का कहना है कि गाय को चारा-दाना खिलाने का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पान दुकान, शराब दुकान को शुरू कर दिया गया है, लेकिन दुग्ध की खपत करने वाले होटल व्यवसाय को नहीं खोलने से दुग्ध व्यवसायियों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. इसके बावजूद दुग्ध उत्पादक किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
बता दें कि लॉकडाउन में किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में कई दुकानों को छूट दी गई है, लेकिन इसमें होटल व्यवसाय शामिल नहीं है. जिस कारण किसानों की गाय-भैंस का दूध खपत नहीं हो पा रहा है, किसान सिर्फ घर-घर जा कर दूध देकर अपना पेट पाल रहे हैं.