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Raigarh Latest News: रायगढ़ में 1952 से लग रहा जन्माष्टमी मेला, इस बार खास है तैयारी

रायगढ़ के जन्माष्टमी मेले का आयोजन 1952 से हो रहा है. इस आयोजन में सेठ किरोड़ीमल की भूमिका अहम रही है. गौरी शंकर मंदिर सेठ किरोड़ीमल ने 1948 में बनवाया था। इसी के 4 साल बाद से हर साल इस मेले का आयोजन धूमधाम के साथ किया जाता है. मेला देखने प्रदेश ही नहीं देश दुनिया से कृष्ण भक्त पहुंचते हैं. Raigarh Latest News

Janmashtami fair being held in Raigarh since 1952
रायगढ़ में 1952 से लग रहा जन्माष्टमी मेला

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Published : Mar 12, 2023, 10:56 PM IST

रायगढ़:वैसे तो जन्माष्टमी मेला पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जन्माष्टमी मेले की धूम ही अलग है. रायगढ़ के गौरी शंकर मंदिर की स्थापना 1948 में हुई थी, जिसके बाद 1952 से जन्माष्टमी मेला इस मंदिर में हर साल मनाया जाता है. इस साल 23 सितंबर के श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भी अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है. इस मेले के आयोजन को अब 71 वर्ष पूरे हो चुके हैं.

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भक्तों का इलाज और खाना पीना बिल्कुल मुफ्त:कुछ जानकारों ने बताया कि "मेले की शुरुआत के समय मेडिकल कैंप और भक्तजनों के लिए 24 घंटे खाने पीने की व्यवस्था बिल्कुल फ्री दी जाती है. जन्माष्टमी के दिन मंदिर परिसर के अलावा कई किलोमीटर तक लोगों के पांव रखने का जगह नहीं होती है." यह भी बताया कि "इस मेले को देखने के लिए उस समय रायगढ़ के हर घर में मेहमान आया करते थे. वहीं आज की बात करें तो टीवी और मोबाइल ने इस धार्मिक आयोजन को थोड़ा फीका कर दिया है."

रायगढ़ में 1952 से लग रहा जन्माष्टमी मेला

इस तरह पूजा करने से तीन जन्मों के पाप होते हैं खत्म: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत की भी परंपरा है. पुराणों के अनुसार "बिना अन्न ग्रहण किए भागवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से तीन जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है. लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं." भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी को रात में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी का पर्व रात 12 बजे शुरू होता है.

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