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SPECIAL: 'मोबाइल युग' ने बढ़ाई प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स की परेशानी, कोरोना काल ने लाई आर्थिक तंगी - कोरोना काल में फोटोग्राफर्स का हाल

बढ़ते तकनीक ने हर घर में एक फोटोग्राफर तो जरूर बना दिया, लिहाजा स्मार्टफोन के आने के बाद प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स की पूछ परख पहले के मुताबिक काफी घट गई. पुराने फोटोग्राफर्स का कहना है कि उनके व्यवसाय पर डिजिटल मार पड़ी है. विश्व फोटोग्राफी दिवस पर रायगढ़ फोटोग्राफी संघ के पदाधिकारियों ने ETV भारत से वर्तमान में हो रही दिक्कतों को साझा किया.

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विश्व फोटोग्राफी दिवस पर विशेष

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Published : Aug 19, 2020, 6:54 PM IST

रायगढ़:तस्वीरें यादों को सहजकर रखने वाली...तस्वीरें हर लम्हों को जीवनभर के लिए समेट लेने वाली...तस्वीरें जो कहे हजार शब्दों से ज्यादा...आधुनिकता के इस दौर ने हर चीज को जीवंत और ज्यादा खास कर दिया. कहते हैं कि किसी भी कैमरे से बढ़कर अगर कोई खूबसूरत कैमरा है, तो वो हैं हमारी आंखें. कोरोना संकट काल में हर कोई जब परेशानियों से जूझ रहा है, तो वहीं फोटोग्राफर्स की रोजी-रोटी पर भी कोरोना की मार पड़ी है. विश्व फोटोग्राफी दिवस पर रायगढ़ फोटोग्राफी संघ के पदाधिकारियों ने ETV भारत से वर्तमान में हो रही दिक्कतों को साझा किया.

विश्व फोटोग्राफी दिवस पर विशेष

बढ़ते तकनीक ने हर घर में एक फोटोग्राफर तो जरूर बना दिया, लिहाजा स्मार्टफोन के आने के बाद प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स की पूछ परख पहले के मुताबिक काफी घट गई. पुराने फोटोग्राफर्स का कहना है कि उनके व्यवसाय पर डिजिटल मार पड़ी है. रायगढ़ फोटोग्राफी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि आज हर किसी के पास महंगे फोन हैं. पहले हर छोटे-बड़े उत्सव, कार्यक्रमों और खास मौकों पर फोटोग्राफर्स को अलग ही दर्जा दिया जाता था. लेकिन आज वे अपनी पहचान के मोहताज हो गए हैं. वे पहले ही कई परेशानियों से जूझ रहे थे और फिर बीते 5 महीनों से कोरोना काल ने जैसे उनसे उनकी रोजी-रोटी भी छीन ली.

प्रोफेशनल कैमरे

आर्थिक तंगी से जूझ रहे फोटोग्राफर्स

फोटोग्राफी संघ के सचिव ने बताया कि मार्च से लेकर अब तक का समय शादी-ब्याह और कई छोटे-बड़े त्योहारों को मनाने का समय होता है. पूरे साल यही वो वक्त होता है जब फोटोग्राफर्स को काम के लिए ऑर्डर मिलते हैं. लेकिन कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन ने सब खराब कर दिया. हालात अब ये हैं कि अनलॉक होने के बाद भी अब उनके पास कोई काम नहीं है. परिवार का भरण-पोषण फोटोग्राफी से मिली कमाई पर ही निर्भर होता था. हाल में फोटोग्राफर्स की माली स्थिति काफी खराब हो चुकी है, वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

तस्वीर क्लीक करते फोटोग्राफर

उनका कहना है कि फोटोग्राफर्स के लिए भी शासन-प्रशासन को कोरोना संक्रमण को देखते हुए काम करने के गाइडलाइन जारी करना चाहिए, ताकि फोटोग्राफर्स की आजिविका का साधन बना रहे. छोटे-बड़े मौकों में अब उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के साथ फोटों खिंचने का मौका मिले.

आधुनिकता ने बदल दिया फोटोग्राफी का दौर

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फोटोग्राफी संघ के सचिव ने बताया कि हर साल विश्व फोटोग्राफी दिवस पर भव्य कार्यक्रम रखा जाता था, लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही फोटोग्राफी कॉम्पीटिशन रखा गया है. इस वर्चुअल कार्यक्रम में बेहतर फोटोग्राफी करने वाले को प्राइज और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.

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पहले की फोटोग्राफी और आज की फोटोग्राफी में जमीन-आसमान का अंतर है. इस डिजिटल वर्ल्ड ने सबकुछ बदल दिया. तकनीक ने फोटोग्राफी की मुश्किलों को आसान जरूर कर दिया, लेकिन आज प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स की दिक्कतें बढ़ गई हैं. फोटो खिंचने और नजारों को कैद करने के नए इक्विपमेंट भले ही आ गए हों, लेकिन इन सब ने प्रोफेशनल और नॉन-प्रोफशनल फोटोग्राफर्स के बीच इस फिल्ड में रहने का कॉम्पिटिशन काफी बढ़ा दिया है.

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