रायगढ़: करोड़ों की लागत से बने रायगढ़ के स्टेडियम में खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण तो मिल रहा है. लेकिन रखरखाव की कमी और आसामाजिक तत्वों के दखल से स्टेडियम बदहाली की दिशा में जा रहा है. यहां पर ट्रेनिंग के लिए रनिंग ट्रेक, बैडमिंटन कोर्ट, जिम, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों के लिए मैदान हैं. लेकिन देखरेख के अभाव के कारण ये आज जर्जर होने की कगार पर है.
यहां पर खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ दूसरी समस्या यह है कि शासन ने उद्योगों से सीएसआर मद के सहारे करोड़ों रुपए तो खर्च करा लिए हैं. लेकिन बच्चों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए अब तक कोर्ट उपलब्ध नहीं कराया गया है. जिसकी वजह से खिलाड़ियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि ज्यादातर खिलाड़ी सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं.
कोच की कमी से जूझ रहे खिलाड़ी
बोइरदादर स्टेडियम में खेलने और सेहत बनाने के लिए कई तरह के खेलों की सुविधाएं हैं. जहां विशेष ध्यान दिया जाए तो रायगढ़ भी खिलाड़ियों के लिए नर्सरी बन सकता है. लेकिन खिलाड़ियों के साथ यहां साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. स्टेडियम में गिनती के भी कोच नहीं है, ना ही बेहतर संसाधन उपलब्ध है. खिलाड़ी अपने तरीके से प्रैक्टिस कर रहे हैं. उसी के सहारे आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. यहां बेहतर जिम, बैडमिंटन कोर्ट, रनिंग ट्रेक, फुटबॉल और वॉलीबॉल के लिए मैदान उपलब्ध है. जहां पूरे शहर के लोग आते हैं और प्रैक्टिस करते हैं. लेकिन उनको सही दिशा निर्देश देने के लिए कोच उपलब्ध नहीं है.
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मैदान के विपरीत होता खेल प्रशिक्षण
बच्चों के ट्रेनिंग के लिए बनाए गए बास्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसे पिच में लोग दूसरे खेल भी खेलते है. जिसकी वजह से पिच खराब हो जाती है. ऐसे में ना ये मैदान वॉलीबॉल के लिए सही रहता है और ना अन्य खेल के लिए. इसी तरह रनिंग ट्रैक में भी सुबह लोग मॉर्निंग वॉक के लिए निकल जाते हैं. जिसकी वजह से ट्रैक में प्रैक्टिस करने वाले एथलीट्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा फुटबॉल कोर्ट में पुशअप, चिनअप के लिए जगह बना दी गई है. इससे फुटबॉल खिलाड़ियों को दिक्कत होती है.