रायगढ़:अनुसूचित जाति कल्याण थाने (अजाक) में पदस्थ एक पुलिस आरक्षक ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. आरक्षक का नाम दीपक मिंज बताया जा रहा है. वो जशपुर जिले का रहने वाला है. आत्महत्या के कारणों का अबतक कुछ पता नहीं चल पाया है. पुलिस घटना की जांच कर रही है.
आरक्षक ने उर्दना बटालियन के पास एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या की है. आरक्षक के बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पुलिस का कहना है कि परिजनों से बातचीत और जांच के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा.
लगातार आ रहे जवानों के खुदकुशी के केस
छत्तीसगढ़ में जवानों के आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे है. डिप्रेशन में जा रहे जवान लगातार आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं. इससे पहले बीजापुर के पामेड़ थाना क्षेत्र में पदस्थ एक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि आरक्षक कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहा था. वहीं सुकमा के पुसपाल थाने में तैनात CAF के जवान ने भी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली है.
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पिछले 1 महीने में जवानों के आत्महत्या के केस
छत्तीसगढ़ में पिछले 15 से 20 दिन के अंदर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात 4 जवानों ने जान दे दी है. जवानों की आत्महत्या के पीछे तनाव और छुट्टी न मिलना बड़ी वजह जानकार और अधिकारी भी मानते हैं.
- पहला मामला- अंतागढ़ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जवान का नाम स्वराज पीएल बताया है. वो केरल के वायनाड का रहने वाला था. सुसाइड की वजह का पता नहीं चल सका है.
- दूसरा मामला- बीजापुर जिले के कुटरु थाना इलाके में पुलिसकर्मी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. सहायक उप निरीक्षक सन्नू कुटरु इलाके के तुमला गांव जाकर घर लौटा था. इसी बीच घर में आकर उसने सुसाइड कर लिया.
- तीसरा मामला- धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के पामेड़ थाना में पदस्थ एक आरक्षक ने अपनी सर्विस रायफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. जवान का ना विनोद पोर्ते है. वो कोरबा जिले के सिरसा गांव का रहने वाला है.
- चौथा मामला- सुकमा जिले के पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था.
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आत्महत्या करने वाले जवानों के आंकड़े
- पिछले साल प्रदेश में 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी.
- छत्तीसगढ़ में ऐसी भी कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें जवानों ने अपनी सर्विस राइफल या पिस्टल का इस्तेमाल दुश्मनों पर नहीं, बल्कि अपने साथियों की जान ले ली या फिर खुद को खत्म कर लिया.
- राज्य के पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है.
- इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. वहीं साल 2020 में करीब 6 से ज्यादा जवान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं.
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