रायगढ़ :धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों और इंसानों के बीच द्वंद जारी है, जहां एक तरफ हाथियों की लगातार मौत हो रही है. वहीं दूसरी तरफ हाथी फसल को नुकसान भी पहुंचा रहे हैं. इन सबके बीच फंसा गरीब किसान घर न होने के कारण परिवार के साथ पेड़ पर मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं.
धरमजयगढ़ क्षेत्र के हाटी सर्किल अंतर्गत हाटी गांव से पुरूंगा मार्ग के बीच जंगल में ऐसा ही नजारा देखने मिल रहा है, जिसकी सच्चाई ये तस्वीर बयां कर रही है. ये कहानी हाटी गांव निवासी रूपसाय और उसकी पत्नी की है, जो घर के अभाव में और फसल को नुकसान से बचाने के लिये जंगल किनारे स्थित खेत के करीब मौजूद एक पेड़ के ऊपर घरनुमा मचान बनाकर रहने को मजबूर हैं.
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ग्रामीण रूपसाय ने बताया कि हाटी गांव में उनका छोटा सा घर है पर परिवार बड़ा होने के कारण घर में जगह की कमी है. साथ ही पीएम आवास भी अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है. रूपसाय का कहना है कि मचान से खेत में लगे फसल की रखवाली भी हो रही है. साथ ही उन्हें पेड़ में आशियाना मिल गया है. वो बताती है कि पति-पत्नी मिलकर दिन में नीचे उतरकर खेत का काम करते हैं और शाम ढलते ही खाना बनाकर पेड़ में बने मचान पर चढ़ जाते हैं और वहीं भोजन करते हैं. उन्होंने बताया कि जब रात में हाथी खेत के करीब आता है तो वे ऊपर से ही टीन टप्पर बजाकर हाथी को भगाते हैं.
23 सितंबर को हाथी की मौत
बता दें 23 सितंबर को धरमजयगढ़ में बायसी कॉलोनी के आश्रित गांव मेडारमार में एक हाथी का शव मिला था. हाथी के मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ था लेकिन लोगों और वन विभाग के मुताबिक हाथी की मौत करंट लगने से हुई थी.
4 महीने में 10 हाथियों की मौत
छत्तीसगढ़ में जून 2020 में 6 हाथियों की मौत हुई है. जिसके बाद कई अधिकारियों को सस्पेंड और कई को ट्रांसफर कर दिया गया था. उन हाथियों की मौत के मामले में वन विभाग के साथ-साथ विद्युत विभाग की लापरवाही सामने आई थी, इन सबके अलावा कई असामाजिक तत्वों की मिलीभगत का मामला भा सामने आया था. इससे पहले धरमजयगढ़ में 16 और 18 जून को भी 2 हाथियों की मौत हुई है.