रायगढ़:सरकार भले ही विकास की तमाम वादे करे लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. खासकर सरकार जिन पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए योजनाएं चला रही है. उनके नैतिक और आर्थिक विकास की तमाम कोशिश कर रही है. ठीक इसके उलट प्रशासनिक आलाधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता विकास की डगर में रोड़ा है.
दरअसल, धरमजयगढ़ विकासखंड के धरमपुर गांव की विशेष पिछड़ी जनजाति पंडो के सैकड़ों लोग धरमजयगढ़ जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर अपनी कमाई का मेहनताना मांगने लगे. जो सालों से नहीं मिला है. साथ ही गांव के सरपंच, सचिव पर कार्य के प्रति निष्क्रियता का आरोप लगाए.