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IAS से बीजेपी नेता बने ओपी चौधरी के लिए पॉलिटिक्स क्या है ?

साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कलेक्टर का पद छोड़कर राजनीति में आए ओ पी चौधरी चर्चा का विषय बन गए थे. प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर ओ पी चौधरी ने अपने काम की छाप छोड़ी थी. वे आज छत्तीसगढ़ के सबसे युवा और काबिल नेताओं में गिना जाते हैं. इसके पीछे जहां उनकी प्रशासनिक छवि है, वहीं सहज उपलब्धता भी. नई जिम्मेदारी मिलने के बाद ETV भारत ने ओ पी चौधरी से बात की.

op chaudhary
ओपी चौधरी

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Published : Jan 8, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Jan 8, 2021, 5:38 PM IST

रायगढ़: छत्तीसगढ़ से बीजेपी प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी अपने पहले प्रदेश दौरे से ही आक्रामक दिख रही हैं. साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जो विजन उन्होंने सामने रखा है, उसमें है युवा चेहरों को जिम्मेदारी देना. पुरंदेश्वरी के दौरे के बाद ओ पी चौधरी को प्रदेश मंत्री और युवा मोर्चा का सह प्रभारी बनाया गया है. चौधरी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कलेक्टर का पद छोड़ दिया था और भाजपा ज्वॉइन कर ली थी. ओपी को टिकट मिला था खरसिया से. खरसिया दिवंगत कांग्रेस नेता नंदकुमार पटेल का गढ़ माना जाता था और उनके सामने थे उमेश पटेल. हार के बाद भी ओपी चौधरी ने लोगों के बीच जाना जारी रखा. ETV भारत ने उनसे राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को लेकर खास बातचीत की.

ओपी चौधरी से बात

ओ पी चौधरी प्रदेश मंत्री युवा मोर्चा का सह प्रभारी बनाने के पीछे एक वजह ये भी है कि वे आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. युवा उनसे हमेशा से जुड़े हुए हैं. अब युवाओं को भाजपा से जोड़ने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यता वाले युवाओं को जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए वे उन्हें प्रशिक्षित कर रहे हैं. ETV भारत से चर्चा के दौरान ओ पी चौधरी कांग्रेस पर तो बरसे लेकिन युवाओं के लिए उनके दिल में जगह देखने को मिली.

ओपी चौधरी से बात

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युवाओं को सिखाएंगे राजनीति का ककहरा

ओपी चौधरी कहते हैं कि इस वक्त प्रदेश में भाजपा विपक्ष में है. ऐसे में युवाओं को राजनीति के गुण सिखाना बेहद जरूरी है. वे अपना सौभाग्य मानते हैं कि उन्हें यह जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व ने दी है. चौधरी नए युवाओं को राजनीति का ककहरा सिखा हैं, जो बेहद जरूरी है. इस परिश्रम का फल 2023 के विधानसभा चुनाव में मिलने की उम्मीद है. क्योंकि जिस तरह से जमीनी स्तर पर युवाओं को जोड़ने और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है. इससे आने वाले चुनाव में इसका बेहतर परिणाम दिखेगा.

ऐसा कोई सगा नहीं जिसको कांग्रेस ने ठगा नहीं: ओपी

कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपने 2 साल को बेमिसाल बता रही है, वहीं ओपी चौधरी का कहना है कि कांग्रेस झूठ का पुलिंदा खड़ा करके कुर्सी पर बैठी है. बीते 2 सालों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. केवल जनता को झूठा आश्वासन और उम्मीद देकर ठगा जा रहा है. वे कहते हैं कि 'ऐसा कोई सगा नहीं जिसको कांग्रेस ने ठगा नहीं'. वे कहते हैं कि आजादी के बाद से किसी भी पार्टी ने छत्तीसगढ़ के लोगों का दर्द को नहीं समझा. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसको समझा और 1 नवंबर 2000 को उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की. इसी का नतीजा है कि छत्तीसगढ़ के लोगों ने तीन बार लगातार भाजपा को आशीर्वाद दिया. चौथी बार में कांग्रेस ने झूठ का पुलिंदा खड़े करके कुर्सी हथिया ली. आज सभी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. युवा बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिला, वृद्ध को पेंशन नहीं मिल रही है, पीएम आवास के हितग्राहियों को आवास नहीं मिल रहा है. पुलिस, विद्या मितान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सभी आज आंदोलन करने को मजबूर हैं. इस तरह प्रदेश में 2 साल की सरकार विफल दिख रही है.


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'राजनीति के दबाव में है अधिकारी, कर्मचारी'

ओपी चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राजनीति हावी हो चुकी है. कांग्रेस के छोटे कार्यकर्ता से लेकर विधायक, मंत्री हर कोई अधिकारियों को दबा कर राजनीति कर रहे हैं. अधिकारी कर्मचारी आज भी अपने आप को स्वतंत्र महसूस नहीं कर पा रहे हैं. 2 साल में अपने स्वार्थ के लिए जमकर ट्रांसफर किया जा रहा है. प्रदेश में स्थितियां हो गई हैं कि लोग थाने में घुसकर के थाना प्रमुख के साथ हाथापाई धक्का-मुक्की कर रहे हैं. इसी तरह अन्य विभाग के अधिकारी भी प्रत्यक्ष रूप से राजनीति से प्रभावित हो रहे हैं.

'बदलाव के लिए चुना राजनीति'

ओपी चौधरी का कहना है कि बदलाव के लिए उन्होंने राजनीति ज्वॉइन की है. सब कहते हैं कि राजनीति में गंदगी भर चुकी है, लेकिन इसको साफ करने के लिए राजनीति में उतरना जरूरी है इसीलिए यह फैसला लिया है. जो लोग बेहतर काम करते हैं, वह हर जगह बेहतर ही करेंगे. चौधरी ने कहा कि 13 साल के प्रशासनिक सफर में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. इसीलिए वे राजनीति में आ कर इसे बेहतर बनाना चाहते हैं. यही कारण रहा कि विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला उन्होंने लिया.


सिविल सर्विस के प्रतियोगियों के लिए टिप्स

14 फरवरी 2021 को छत्तीसगढ़ राज्य सेवा आयोग की प्री लिखित परीक्षा होने वाली है. इसके लिए छत्तीसगढ़ के पहले आईएएस और रायपुर के कलेक्टर रहे वर्तमान भाजपा नेता ओपी चौधरी ने विद्यार्थियों के लिए टिप्स साझा किए. चौधरी ने कहा कि बच्चे मानसिक दबाव में पढ़ाई ना करें. इससे छोटी-छोटी गलतियां बड़ा रूप ले लेती हैं. जो प्रतियोगी परीक्षा में सफल नहीं हो पाते, उन्हें जीवन में दूसरे मौके मिलते हैं इसलिए निराश न हों.

परीक्षा से पहले मानसिक दबाव न रखें

रायगढ़ के खरसिया के बायंग गांव से आईएएस अधिकारी बनने वाले वे पहले व्यक्ति बने. वे अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत 2018 के विधानसभा चुनाव से कर चुके हैं. लाखों युवा अभी भी सोशल मीडिया या प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उनसे मोटिवेट होते रहते हैं. चौधरी का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में ह्यूमन एरर मानसिक दबाव के कारण बढ़ जाता है. उस वक्त कुछ छोटे प्रश्न भी ट्रिकी लगते हैं. अगर शांत मन से उनको बार-बार पढ़ा जाए तो वह बेहद ही सरल साबित होता है. इसी तरह कुछ प्रश्नों के उत्तर बेहद आसान लगते हैं, लेकिन वे ट्रिकी होते हैं. इसको भी शांत मन से सुलझाया जा सकता है इसलिए कभी भी परीक्षा का मानसिक दबाव न लें. वर्तमान में जो बच्चे सिविल सेवाओं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनको अपने स्वास्थ्य के लिए भी समय देना जरूरी है. साथ ही परीक्षा केंद्र में बेहतर व्यवस्था और अपनी पूरी तैयारी करके जाना चाहिए.

इन कामों के लिए जाने जाते हैं ओपी चौधरी

  • ओपी चौधरी रायपुर में सुन्दर झील परियोजनाओं के लिए जाने जाते हैं.
  • प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक नए दृष्टिकोण के साथ काम किया.
  • शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम किए.
  • स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में कैरियर मार्गदर्शक के तौर पर भी पहचान बनाई.
  • स्कूल बैग के वजन को कम करने की रणनीतियों को लागू किया.
  • दंतेवाड़ा में तमन्ना, नन्हे परिंदे, छू लो आसमान, शिक्षा शहर, लाईवलीहुड कालेज जैसे विशेष शैक्षिक परियोजनाओं का शुभारंभ किया.
  • परियोजनाओं की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने सराहना की.
  • लोक प्रशासन में रहकर बेहतर काम के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित.
Last Updated : Jan 8, 2021, 5:38 PM IST

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