रायगढ़ : जिले के सारंगढ़ क्षेत्र के गोमर्डा अभ्यारण्य में लगातार वन्यप्राणियों का शिकार हो रहा है. कई बार ऐसा भी होता है कि शिकारी शिकार कर निकल जाते हैं और विभाग के बीटगार्ड, डिप्टी रेंजर, रेंजर सहित अधिकारियों को पता भी नहीं चलता. कुछ इसी तरह का मामला गुरुवार को भी सामने आया है.
जानकारी के मुताबिक पिछले तीन से चार दिनों के अंदर शिकारियों ने नीलगाय का शिकार कर दिया था, लेकिन किसी वजह से वे नीलगाय को नहीं ले जा पाए और उसे जंगल में ही दफना दिया. हैरानी की बात यह है कि घटना के तीन से चार दिन बीतने के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी.
6 सितंबर की बताई जा रही घटना
वहीं गुरुवार को मीडिया के सूत्रों ने इसकी सूचना विभाग के अधिकारियों को दी, जिसके बाद अधिकारी दोपहर से लेकर रात तक नीलगाय के दफनाए गए शव को ढूंढते रहे, लेकिन मौके तक नहीं पहुंच पाए. जानकारी के मुताबिक 6 सितंबर को शिकारियों ने गोमर्डा अभ्यारण के बटऊपाली बीट के कक्ष क्रमांक 932 पीएफ में नीलगाय का शिकार किया था, लेकिन किसी वजह से उसे अपने घर तक नहीं ले जा पाए. इसके बाद उन्होंने घनी झाडियां देखकर नीलगाय के शव को दफन कर दिया.
बिजली का तार बिछाकर वन्यप्राणियों का शिकार
बताया जा रहा है कि शिकारियों ने करंट का तार बिछाकर वन्यप्राणी का शिकार किया था. जहां करंट के कारण कई झाडियां भी जल गई है. वहीं गुरुवार को इसकी जानकारी जब वन विभाग के डीएफओ को दी गई तब उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन विडंबना है कि दोपहर में दी गई जानकारी के बाद भी वन्यप्राणी का शव शाम तक विभाग के कर्मचारियों को नहीं मिल पाया.