रायगढ़ : जिले में कोरोना वायरस का पहला मरीज 19 मई को लैलूंगा क्वॉरेंटाइन सेंटर में मिला था जो महाराष्ट्र से लौटा था. जिसके बाद 21 जून रविवार तक जिले में 83 मरीज मिल चुके हैं जो प्रवासी मजदूर और अन्य राज्य से लौटे लोग हैं. जिसमें 64 लोग ठीक होकर घर लौट चुके है. स्थानीय प्रशासन और पुलिस की ओर से कड़ाई बरतने से लोगों ने घर से निकलना बंद कर दिया था लिहाजा कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बहुत कम हो गया और अब तक जिले में एक भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला सामने नहीं आया है.
रायगढ़ जिले के अलग-अलग ब्लॉक के ग्राम पंचायत के शासकीय भवनों को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. जहां प्रवासी लोगों को रखा जा रहा है और 14 दिनों के बाद उन्हें 14 दिनों के होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. इस तरह कड़ाई बरतने और क्वॉरेंटाइन का पालन ना करने वालों पर एफआईआर भी दर्ज की गई.
4,899 लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर में
रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में कोरोना जांच के लिए लैब बनाया गया है. जहां 1 दिन में लगभग 1,100 सैंपल के परीक्षण होते हैं. इसके लिए विशेष प्रशिक्षित डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है. यहां रायगढ़, जांजगीर चांपा, जशपुर, अंबिकापुर-सरगुजा के सैंपल लाकर जांच किए जा रहे हैं. मरीजों के इलाज के लिए 100 बिस्तर के मातृ शिशु अस्पताल को कोरोना अस्पताल बनाया गया है. रायगढ़ जिले में जनवरी से अब तक कुल 27 हजार 94 लोग अन्य राज्य और विदेश से लौटे हैं. अभी 10 हजार 109 लोग का होम आइसोलेशन में है. जबकि 4899 क्वॉरेंटाइन सेंटर में है.