रायगढ़ः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के विप्लव त्रिपाठी (Viplav Tripathi) बीते 13 नवंबर को उग्रवादी हमले में मणिपुर में शहीद हो गए थे. उनका पार्थिव शरीर आज करीब 12:00 बजे रायगढ़ (Raigarh) पहुंचा. जहां अंतिम दर्शन के बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई.
रायगढ़ में राजकीय सम्मान के साथ शहीद विप्लव त्रिपाठी को दी गई अंतिम विदाई
शहीद विप्लव त्रिपाठी (Shaheed Viplav Tripathi) के पार्थिव शरीर (mortal remains) को एयरफोर्स (Airport)के विशेष विमान (Special aircraft) से रायगढ़ लाया गया. जिसके बाद शहीद के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान ले जाया गया. वहां से कुछ देर के बाद आम लोगों के दर्शन के लिए रायगढ़ के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan of Raigarh) में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया. जिसके बाद उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई (last farewell) दी गई. शहीद विप्लव के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने उनको और अपनी भाभी अनुजा शुक्ला को मुखाग्नि दी
शहीद विप्लव (Shaheed Viplav Tripathi) का पार्थिव शरीर(mortal remains) को एयरपोर्ट (Airport) पर विशेष विमान (Special aircraft)से लाया गया. जिसके उपरांत शहीद के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान ले जाया गया. वहां से कुछ देर के बाद आम लोगों के दर्शन के लिए रायगढ़ के रामलीला मैदान(Ramlila Maidan of Raigarh) में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया.
इस दौरान सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों सहित हजारों की संख्या में लोगो ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. सेना ने शहीदों को सलामी देते हुए सम्मान दिया. शहीद विप्लव त्रिपाठी का परिवार भी उग्रवादी हमले में शहीद हो गया. विपल्व त्रिपाठी के पार्थिव शरीर के साथ उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को भी रखा गया था. विपल्व त्रिपाठी के निवास स्थान पर हजारों की संख्या में लोगों ने शहीद कर्नल को अंतिम विदाई दी. उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग नम आंखों से उन्हें विदाई दे रहे थे. सड़क किनारे खड़े होकर लोग भारत माता की जय और कर्नल त्रिपाठी अमर रहे का नारा लगा रहे थे.
शहीद के पार्थिव शरीर को रामलीला मैदान में लोगों के अन्तिम दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए रखा गया. उसके बाद सर्किट हाउस स्थित मुक्तिधाम में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. शहीद विप्लव के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कर्नल अनय त्रिपाठी ने उनको और अपनी भाभी अनुजा शुक्ला को मुखाग्नि दी. इस तरह शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी पंचतत्व में विलीन हो गए. इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों की आंखे नम दिखी.