छत्तीसगढ़

chhattisgarh

SPECIAL: कौमी एकता का प्रतीक है गोगामेड़ी मंदिर, यहां दिखती है सांप्रदायिक सौहार्द की तस्वीर

By

Published : Aug 24, 2020, 11:11 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 11:48 PM IST

रायगढ़ में एक ऐसा मंदिर है जो हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है. यहां भगवान की आरती भी उतारी जाती है और मजार पर चादर भी चढ़ाई जाती है.

symbol-of-hindu-muslim-unity
कौमी एकता का प्रतीक

रायगढ़: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में गोगामेडी मंदिर है. जहां एक साथ हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग एक जगह पर आराधना करते हैं. हर साल जन्माष्टमी के दूसरे दिन यहां पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार कोरोना की वजह से मेले का आयोजन नहीं हो पाया. गोगामेड़ी में एक ही परिसर में नमाज और भैरव बाबा के साथ महादेव की पूजा होती है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर है.

कौमी एकता का प्रतीक है गोगामेड़ी मंदिर

दरअसल गोगामेड़ी राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर है. हर साल यहां कृष्ण पक्ष की नवमी को विशाल मेले का आयोजन होता है. जहां राजस्थान के अलावा सीमावर्ती राज्यों के लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस मेले की खासियत यह होती है कि यहां सभी धर्म के लोग अपनी-अपनी आस्था लेकर पहुंचते हैं.

मंदिर में विराजमान भोलेनाथ

रायगढ़: निजी प्लांट का फ्लाई एश फसलों को कर रहा बर्बाद, किसानों को मुआवजे का इंतजार

हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

गोगामेड़ी में गोगा बाबा की मजार बनी हुई है. जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग चादर चढ़ाते हैं. जबकि गोगा बाबा के मजार से पहले भैरव बाबा और महादेव का मंदिर है, यहां हिंदू पूजा करते हैं. इस तरह से गोगामेड़ी परिसर में हिंदू मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग अपने आराध्य की आराधना करते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि बीते कई दशक से वे यहां पर आते हैं और मजार में चादर चढ़ाते हैं. साथ ही भगवान शिव की भी पूजा करते हैं. यह परिसर सर्व धर्म को समेटे हुए और सामाजिक एकता का एक प्रतीक है. रायगढ़ का यह गोगामेड़ी मंदिर उन लोगों के लिए एक सबक है जो लोगों को धर्म को बांटने की कोशिश करते हैं.

मंदिर में मौजूद मजार
Last Updated : Aug 24, 2020, 11:48 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details