रायगढ़:पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र के चर्चित पाखड़ कांड के आरोपी पुरूषोत्तम अजेश अग्रवाल पर राज्य शासन की ओर से मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे गौठान निर्माण कार्य में बाधा डालने का आरोप है. बता दें कि राज्य शासन ने सालर ग्राम पंचायत में गौठान निर्माण करने के लिए 19 लाख रुपए की स्वीकृति दी है. जहां पर सरकारी जमीन को चिन्हित कर ग्राम पंचायत ने गौठान निर्माण का काम शुरू कर दिया था, लेकिन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने प्रस्तावित जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को बंद करा दिया. प्रस्तावित जमीन को अपना निजी जमीन बता रहे हैं.
उन्होंने वहां पर मनरेगा के तहत कार्य कर रहे मजदूरों को भी भगा दिया. कांग्रेस के धाकड़ नेता और जिला कांग्रेस अध्यक्ष अरूण मालाकार के जनपद क्षेत्र में हुए इस घटना से क्षेत्रवासी काफी परेशान है. जनपद पंचायत सीईओ ने इस मामले मे तहसीलदार जे.आर.सतरंज को पत्र लिखकर सीमांकन का कार्य करने को कहा है, ताकि पूरा मामला स्पष्ट हो सकें, लेकिन महीने भर होने के बाद भी तहसीलदार किसी कार्रवाई को लेकर अलर्ट नहीं दिख रहे.
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पर गौठान निर्माण के कार्य में बाधा डालने का आरोप
छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरुवा, गरुवा घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत नेशनल हाईवे पर बसे सालर गांव में भी गौठान बनाने के लिए 19 लाख रुपए की स्वीकृति मनरेगा के माध्यम से बीते दिनों दी गई है. इस योजना के तहत शेड का निर्माण पहले करना था, जिसमें स्व सहायता समूह के द्वारा कार्य किया जा सके. इसके लिए सालर ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव की ओर से क्षेत्र के पटवारी से मिलकर सरकारी जमीन का चयन किया गया था. साथ ही संबंधित दस्तावेज के साथ फाइल पुटअप कर निमार्ण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन इस सरकारी जमीन पर हो रहा निर्माण कार्य पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पुरूषोत्तम अजेश अग्रवाल को रास नहीं आई और पहले ही दिन कार्य कर रहे मनरेगा के मजदूरों को वहां से भगा दिया. साथ ही निर्माण कार्य को बंद करा दिया.
सरपंच और सचिव को धमकी देने का आरोप
मौके पर पहुंचे सरपंच और सचिव के साथ क्षेत्रवासियों ने जब इस निर्माण को बंद कराने का कारण पूछा तो उन्होंने इस प्रस्तावित भूमि को अपना निजी जमीन होना बताया. इस संबंध मे मौके पर ही सरपंच और सचिव ने इस जमीन के सरकारी होने और पटवारी के द्वारा स्थल और खसरा नंबर की जानकारी देने की बात कहते हुए पूरा फाइल बताया. साथ ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष से आग्रह भी किया कि इस संबंध में उनके पास स्वामित्व संबंधी कोई दस्तावेज है तो उसे वे प्रस्तुत करें, ताकि मौके पर ही पटवारी और राजस्व निरीक्षक को बुलाकर समस्या का समाधान किया जाए, लेकिन इस सवाल के जवाब ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने कोई भी दस्तावेज दिखाने से इंकार करते हुए साफ तौर पर जवाब दिया कि यहां पर गौठान का निर्माण नहीं होगा. साथ ही धमकी दी कि वे सालर ग्राम पंचायत इस स्थान को छोड़कर कोई दूसरे जगह पर गौठान का निमार्ण कराएं.
सरपंच और सचिव ने रोजगार सहायक से की शिकायत
सरपंच और सचिव ने पूरी बात रोजगार सहायक के द्वारा मनरेगा के पीओ युवराज पटेल को बताया और शासन के गौठान योजना पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा बाधा डालते हुए काम बंद कराए जाने की शिकायत की. इस पर मनरेगा के पीओ युवराज पटेल ने पूरे मामले में जनपद पंचायत सारंगढ़ के सीईओ अभिषेक बनर्जी को बताया और सरपंच और सचिव के द्वारा दी गई लिखित शिकायत की कॉपी को आगे भेजा. इसके बाद जनपद पंचायत सीईओ और मनरेगा के पीओ के द्वारा तहसीलदार सारंगढ़ को 24 जुलाई 2020 को पत्र लिखते हुए पूरे मामले की जानकारी दी गई. इसके साथ ही भूमि का सीमांकन करने का आग्रह किया, लेकिन एक महीने होने के बाद भी सारंगढ़ तहसीलदार की ओर से भूमि का सीमांकन नहीं किया गया है, जिसके कारण गौठान निर्माण के तहत बनने वाला शेड कार्य ठप पड़ा हुआ है.
कहा का हैं जमीन मामला?