धरमजयगढ़ : किसानों के लिए उनकी जमीन भगवान होती है. इस पर वे न केवल खेती-किसानी करते हैं जरूरत पड़ने पर उसका सौदा भी करते हैं. वे इस भरोसे सौदा करते हैं कि शायद उसके बदले उन्हें अच्छी खासी रकम मिल जाए और वे अपना जीवन हंसी खुशी से गुजार सके. ऐसा ही कुछ हुआ है 52 किसानों के साथ. सरकार ने जमीन अधिग्रहित तो कर ली, लेकिन मुआवजे के नाम पर किसान 8 साल से सरकारी दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं.
farmer demanding of land Compensation at dharamjaigarh दरअसल, कापू क्षेत्र के अंतर्गत बंधनपुर व्यपवर्तन योजना में करीब 52 किसानों की भूमि 2013-14 में शासन द्वारा अधिग्रहित की गई थी. इसमें किसानों की बेशकीमती जमीन का मुआवजा मिलना था, लेकिन 8 साल बीतने के बाद भी करोड़ों रुपए का मुआवज नहीं दिया गया है. ऐसे में किसान प्राण त्यागने की बात कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
52 किसानों की मानें, तो जल संशाधन विभाग की ओर से नहर निर्माण किया गया. इसमें शासन की ओर से जमीन अधिग्रहित की गई और बदले में मुआवजे की राशि दी जानी थी. समय बीतने के साथ ही नहर का निर्माण हो गया. वहीं 8 साल भी बीत गए, लेकिन कुछ नहीं मिला, तो वो थी मुआवजे की राशि. परेशान किसान जल संशाधन सहित एसडीएम कार्यालय तक का चक्कर काटकर थक चुके हैं, लेकिन अधिकारियों से शिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला है. थक हार के किसानों ने क्लेकटर को भी आवोदन सौंपा, लेकिन वहां से भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा.
पूर्व सांसद विष्णुदेव साय ने भी नहीं सुनी गुहार
वहीँ परेशान किसान तत्कालीन सांसद विष्णुदेव साय से भी गुहार लगा चुके हैं. इस संबंध में धरमजयगढ़ एसडीएम नन्दकुमार चौबे से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बताया प्रकरण प्रक्रियाधीन है. धारा 04 का प्रकाशन हो चुका है. धारा 19 का प्रकाशन होना बाकी है, उसके बाद धारा 21 की कार्रवाई की जायेगी, तब जाकर अवॉर्ड पारित किया जाएगा. देरी होने की वजह जल संसाधन विभाग की ओर से किसानों का एकजाई प्रकरण समय पर नहीं देना बताया जा रहा है.