रायगढ़: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हर त्योहार फीका हो गया है. हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्व दीपावली की जगमगाहट भी इस बार कोरोना के कारण फीकी होने वाली है. दिवाली के दौरान लोग बढ़-चढ़कर पटाखे खरीदते हैं, लेकिन इस साल राज्य सरकार के नियम और कोरोना संक्रमण की वजह से पटाखों का व्यापार मंदा पड़ गया है. जिले में पटाखे व्यापारियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं. वहीं पटाखा दुकानों में भी ग्राहकों की कमी देखने को मिल रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध न लगाते हुए इसकी समय सीमा तय कर दी है. दीपावली के दिन रात 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे. राज्य सरकार की तरफ से यह फैसला कोरोना संक्रमण और वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा निर्देशों के बाद लिया गया है. ऐसे में लोग इस साल पटाखे की खरीददारी भी कम रहे हैं. लिहाजा इसका सीधा असकर पटाखा व्यापारियों पर पड़ रहा है.
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कोरोना काल ने देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ कर रख दी है. रायगढ़ शहर में हर साल 70 से 80 पटाखे दुकान लगते थे लेकिन इस साल बमुश्किल से 25 से 30 दुकानें ही लगी हैं. वहीं ग्राहकों की संख्या में भारी कमी आई है जिसके चलते दुकानदार 40 फीसदी बिक्री होने की आशंका जता रहे हैं. साल 2019 की दिवाली की बात करें तो रायगढ़ शहर के मिनी स्टेडियम, नटवर स्कूल मैदान, रामलीला मैदान में सैकड़ों छोटे-बड़े पटाखा बाजार लगते थे. यहां लोग खरीदारी के लिए बढ़-चढ़कर पहुंचते थे. छोटे पटाखे, रंग-बिरंगे कपड़े और लाइटिंग बच्चों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहता है लेकिन इस दिवाली न तो बच्चे घर से बाहर निकल पा रहे हैं और न ही बाजारों में रौनक दिख रही है.
पटाखों की कीमत में बढ़ोतरी