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रायगढ़: छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर सड़क का हाल बदहाल, राहगीर परेशान

बारिश की वजह से रायगढ़-ओडिशा सीमा पर सड़क ही हालत जर्जर है. लमडांड, खुरूशलेंगा और धौरांभाठा मार्ग का हाल बेहाल है. ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार सड़क की मरम्मत कराने की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

bad condition of chhattisgarh odisha border
छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर की सड़क बदहाल

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Published : Aug 24, 2020, 10:31 AM IST

रायगढ़:लगातार बारिश से रायगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर रोड की हालत खराब है. इसका खामियाजा सड़क पर पैदल चलने वाले लोगों और वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है. ओडिशा के हमीरपुर से शारदा मंदिर चौक तक सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. ओडिशा से कोयला लेकर हेवी लोडेड गाड़ियां छत्तीसगढ़ आती हैं, जिसके कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. इसके कारण आए दिन यहां हादसे होते रहते हैं. ग्रामीणों ने कई बार सड़क की मरम्मत की मांग शासन-प्रशासन से की, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों ने कोई ध्यान नहीं दिया.

छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर सड़क का हाल बदहाल

रोड के किनारे बसे गांव लमड़ांड, खुरूशलेंगा और धौराभांठा चौक के दुकानदारों समेत यहां से आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही रोड के किनारे बने घर में रहने वाले लोग भी ट्रकों के कोलाहल से परेशान हैं. धौराभाठा से हमीरपुर बॉर्डर तक आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं. कभी अनियंत्रित डंपर खेतों में उतर जाते हैं, तो कभी अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं.

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जर्जर सड़क से आए दिन दुर्घटनाएं


जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली ये सड़क इतनी जर्जर है कि यहां से सिर्फ ट्रक जैसे बड़े वाहन ही निकल पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में तो सड़क कीचड़ से सन जाती है, जिसमें छोटे वाहन फंस जाते हैं. कीचड़ और बड़े-बड़े पत्थरों की वजह से यहां हादसों का डर हमेशा बना रहता है.

खराब सड़क के कारण जाम लगने से एम्बुलेंस भी कीचड़ में फंस जाती है. ग्रामीणों ने बताया कि यदि वे अपने वाहन को इस सड़क से गुजारते हैं, तो वह कीचड़ में फंस जाती है और फिर उसे निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है.

सड़क निर्माण पर सिर्फ मिला आश्वासन

ग्रामीणों ने बताया कि सड़क को उखड़े तीन साल से भी ज्यादा का समय हो गया है. इसके निर्माण लिए ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन को कई बार अवगत कराया, जिस पर जनप्रतिनिधियों ने इसकी मरम्मत का आश्वासन भी दिया, लेकिन उस पर काम कभी नहीं किया. इसकी वजह से ग्रामीणों का भरोसा अब सिस्टम से उठ चुका है.

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