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12 महीने में 992 नवजात की मौत, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल - स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

रायगढ़ जिला अस्पताल के शिशु रोग विभाग में जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 992 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में रोजाना 25 से 30 डिलीवरी होती है. जिसमें कुछ डिलीवरी बाहर से कराकर लोग यहां पहुंचते हैं. ऐसे में बच्चों की मौत हो जाती है.

12 महीने में 992 नवजात की मौत
12 महीने में 992 नवजात की मौत

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Published : Mar 13, 2020, 2:34 PM IST

Updated : Mar 13, 2020, 5:50 PM IST

रायगढ़: जिला अस्पताल का शिशु रोग विभाग सवालों के घेरे में हैं. यहां जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक 992 शिशु की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा जारी होने के बाद हड़कंप मच गया है. एक ओर जहां प्रशासन स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जिले में नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य में मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है.

12 महीने में 992 नवजात की मौत

मामले में डॉक्टरों का कहना है कि रोजाना 25 से 30 डिलीवरी होती है, जिसमें कई केसों में बाहर से डिलीवरी कराकर प्रसूता यहां पहुंचती है, ऐसे में बच्चों की मौत हो जाती है.

992 मासूमों की मौत चिंताजनक

वहीं मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष का कहना है कि साल भर में 992 बच्चों की मौत चिंताजनक है, लेकिन इसमें ऐसे बच्चों की मौत अधिक है जो रायगढ़ के बाहर जशपुर, जांजगीर चाम्पा, बलौदाबाजार जैसे अन्य जिलों से आते हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बाहर जैसे झारखंड, ओडिशा से भी लोग डिलीवरी कराकर रायगढ़ पहुंचते हैं. इस दौरान बच्चों की स्थिति बिगड़ती है और उनकी मौत हो जाती है.

डॉक्टरों पर होता है ज्यादा दवाब

बता दें कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में रोजाना 25 से 30 डिलीवरी होती है. यदि मातृ शिशु अस्पताल संचालित होता तो शायद इन आंकड़ों में कमी आती क्योंकि, मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उपकरणों का पहले से ही अभाव है और ऐसे में क्षमता से अधिक कार्य किए जा रहे हैं. यदि मातृ शिशु अस्पताल संचालित होगा तो अवश्य ही इन आंकड़ों में कमी आएगी और ज्यादा से ज्यादा बच्चे सुरक्षित रहेंगे.

Last Updated : Mar 13, 2020, 5:50 PM IST

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