रायपुर : पंचायती राज भारत की स्थानीय स्तर की सरकार है जो ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद से मिलकर बनती है. यह तीन स्तरों की सरकारों को एक साथ मिलाकर एक व्यवस्था प्रदान करती है. जो लोगों को स्थानीय स्तर पर शासन का अधिकार देती है.
पंचायती राज क्या है, क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, जानिए - national panchayati raj day
हमारा देश विश्व की सबसे बड़ी पंचायत है. शायद यही वजह है कि हमारी देश की पंचायती व्यवस्था सबसे बड़ी और सशक्त है. पंचायती व्यवस्था इसलिए अमल में लाई गई, क्योंकि दूरदराज में रहने वाले ग्रामीणों की अपनी समस्याएं होती हैं. जिनका निराकरण स्थानीय स्तर पर ही करना जरुरी है. राष्ट्रीय पंचायती दिवस हमें ये याद दिलाता है कि भारत में किस तरह से पंचायतों का निर्माण हुआ और गांवों की तस्वीर बदली.
स्थानीय शासन का अधिकार है पंचायती राज: पंचायती राज की शुरुआत भारत के स्वतंत्रता के बाद 1950 के दशक में हुई थी. इसके बाद से इसकी व्यवस्था में कुछ संशोधन हुए हैं, जो इसको और सुदृढ़ बनाने के लिए किए गए हैं. राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस देश के पंचायती राज प्रणाली का राष्ट्रीय दिवस है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 24 अप्रैल 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया था. इसी दिन को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया गया. तब से लेकर 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती दिवस मनाया जाने लगा.
तीन स्तरों पर होता है गठन :पंचायती राज के तहत, ग्राम पंचायत ग्राम स्तर पर होती है और इसके सदस्यों का चयन ग्राम सभा करती है. पंचायत समिति तहसील स्तर पर होती है और इसके सदस्यों का चयन ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि करते हैं. जिला परिषद जिला स्तर पर होती है और इसके सदस्यों का चयन जिला के चुनाव अधिकारी करते हैं.पंचायती राज के तहत, स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने का अधिकार और अनुमति दी जाती है. जो स्थानीय समस्यों को समझकर उनका निराकरण करने के लिए तैयार रहते हैं. छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायती दिवस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं.