नारायणपुर: यादव समाज ने गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया. कार्यक्रम बखरूपारा प्रांगण में आयोजित किया गया था. गोपाष्टमी पर यादव समाज की परंपराओं के अनुसार श्रीकृष्ण-राधा की पूजा की गई. इस दौरान गाय को खिचड़ी भी खिलाई गई.
धूमधाम से मनाया गया गोपाष्टमी पर्व इस साल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शोभायात्रा नहीं निकाली गई. प्रशासन की ओर से आयोजन में शामिल होने के लिए 50 लोगों की अनुमति दी गई थी. इस दौरान मास्क, सैनिटाइजर और समाजिक दूरी का खास ख्याल रखा गया. पर्व को बेहद सादगी से मनाया गया. बखरूपारा स्थित प्रांगण में मुख्य कार्यक्रम स्थल पर गोवर्धन पूजा और आरती हुई.
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इस दौरान भगवान श्री कृष्ण की सोलह कलाओं का वर्णन हुआ. अतिथियों ने बताया कि परंपरा के अनुसार पिछले 8 सालों से गोपाष्टमी पर्व मनाया जा रहा है. इस साल भी यादव समाज ने यह पर्व विधि-विधान से मनाया है. तथ्यों के मुताबिक, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गायों की पूजा की जाती है. यह त्योहार गायों को ही समर्पित है. गोपाष्टमी के दिन लोग गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान दर्शाते हैं.
हिंदू धर्म में गाय का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में गाय का विशेष महत्व है. इनकी पूजा देवी-देवताओं की तरह ही की जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मान्यता है कि एक गाय में कई देवी-देवता निवास करते हैं. गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी भी कहा गया है. मान्यताओं के अनुसार जो लोग गोपाष्टमी की पूर्व संध्या पर गाय की विधिवत पूजा करते हैं, उन्हें खुशहाल जीवन प्राप्त होता है, साथ ही अच्छे भाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है.