नारायणपुर: नारायणपुर में लाल आतंक को झटका लगा है. सरकार की पुनर्वास नीति का यहां असर दिख रहा है. कई नक्सली अब नक्सल विचारधारा को छोड़कर सरेंडर कर रहे हैं. नक्सलियों की प्रताड़ना से तंग आकर और छत्तीसगढ़ सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर नक्सली समुित्रा पोटाई ने सरेंडर किया है. नक्सली सुमित्रा पोटाई को रिवाला के तौर भी जानते हैं.
नारायणपुर में महिला नक्सली सुमित्रा पोटाई उर्फ रविला ने किया सरेंडर - नक्सली कमाण्डर विक्रम
नक्सली सुमित्रा पोटाई (Woman Naxalite Sumitra Potai ) ने सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है. इसके साथ ही पुलिस को नारायणपुर में नक्सल मोर्चे पर (Naxalite Sumitra Potai alias Ravila surrendered in Narayanpur) सफलता मिली है.
सरकार के सरेंडर नीति से हुई प्रभावित:नक्सली सुमित्रा पोटाई सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित हुई है. नक्सली सुमित्रा ने नारायणपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के सामने सरेंडर किया. सुमित्रा पोटाई उत्तर बस्तर डिवीजन टीडी टीम सदस्य के तौर पर कार्य कर रही थी.
सुमित्रा साल 2003 में नक्सल संगठन में हुई थी शामिल: सुमित्रा पोटाई को साल 2003 में निब्रा सीएनसी सदस्य टीरू मड़काम ने शादी का प्रलोभन देकर संगठन में शामिल कराया था. उसके बाद टीरू मकड़काम नक्सल संगठन छोड़कर भाग गया. उसके बाद से वह लगातार नक्सल संगठन छोड़ना चाह रही थी. लेकिन साल 2009 में नक्सली कमाण्डर विक्रम ने सुमित्रा की शादी कमलदास उसेण्डी के साथ जबरन करा दी. नक्सल संगठन में सुमित्रा 12 बोर की बंदूक और हथियार बनाने का काम करती थी.
सुमित्रा पोटाई ने नक्सल संगठन में कई पद संभाले हैं.
- सुमित्र पोटाई सबसे पहले प्रतापुर एसी में टेक्नीकल सदस्य थी
- सुमित्रा पोटाई उर्फ रविला साल 2009-10 म में बारदा एलओएस सदस्य थी.
- साल 2010-11 में सुमित्रा प्रतापपुर एरिया कमेटी मेंबर थी.
- साल 2011 से अब तक सुमित्रा उत्तर बस्तर डिवीजन टीडी सदस्य के रूप में कार्य कर रही थी