Narayanpur News: अमृतकाल में बूंद-बूंद पानी को तरसे ग्रामीण, झरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर
पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हालांकि नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर आज भी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है. जिले के ग्राम पंचायत पल्ली का आश्रित गांव दुडमी के ग्रामीण आज भी झरिया और कुएं का पानी पीने को मजबूर है.
आश्रित गांव दुडमी के ग्रामीण
By
Published : Jun 20, 2023, 8:40 AM IST
ग्रामीण झरिया का गंदा पानी पीने को मजबूर
नारायणपुर:जिले के गांव दुडमी के ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं. सोमवार को हाथों में झरिया कुंआ का पानी बोतल में भरकर ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय नारायणपुर पहुंचे. यहां आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर से मिलकर लोगों ने गांव में हेडपंप स्वीकृति की मांग को लेकर आवेदन दिया. जल संबंधी समस्या को सुनने के बाद कलेक्टर ने ग्रामीणों को जनपद सीईओ के पास जाने को कहा था. तपती धूप में ग्रामीण जनपद पंचायत कार्यालय नारायणपुर पहुंचे. लेकिन सीईओ अपने कार्यालय में नहीं थे.
विकास के दावों की खुली पोल:ग्राम पंचायत पल्ली का आश्रित गांव दुडमा में बीते डेढ़ साल से जलजीवन मिशन का कार्य चल रहा है. मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि जिला अधिकारी केन्द्र की योजनाओं को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि डेढ़ साल पहले ही यहां पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है. लेकिन विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के कारण पाईप लाईन में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है.
ग्रामीण झरिया का पानी पीने को मजबूर: दुडमी के ग्रामीणों की मानें तो जिस झरिया-कुएं में ग्रामीण पीने का पानी निकालते हैं. वहीं से गांव के पालतू जानवर भी अपनी प्यास बुझाते है. आज पीने के पानी का और कोई विकल्प नहीं है. पेयजल की सुविधा न होने से इस गांव के लोगों को कुएं और गड्ढे के पानी के सहारे जीना पड़ रहा है. पल्ली ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि "झरिया-कुंआ का पानी पीने से यहां के ग्रामीणों को कई प्रकार की बीमारियों से भी जूझना पड़ता है. आए दिन ग्रामीण और छोटे-छोटे बच्चों को पेट में दर्द, उल्टी दस्त, जैसी बीमारियों तो यहां आम है."
जल्द समस्या निपटान का मिला आश्वासन: मामले में कलेक्टर ने पल्ला झाड़ते हुए मामले को सीईओ का बताया है. कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि "हैंडपंप की समस्या की जानकारी कलेक्टर नहीं देते. जनपद जिला पंचायत के सीईओ ये सब मामले को देखते है. जल जीवन मिशन का कार्य प्रगति पर है. जल्द ही पानी की सुविधा ग्रामीणों को मिलेगी."
इसी तरह ग्रामीण कई दिनों से पेयजल समस्या को लेकर ग्रामीण दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. इसके बावजूद उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी है. देश आजादी का अमृत महोतेसव मना रहा है. अमृतकाल में भी देश में पेयजल की समस्या बनी हुई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.