नारायणपुर:छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही थी. तेज बारिश के कारण जहां फसल बर्बाद हुई है, वहीं धान खरादी केंद्रों में रखे धान को भी नुकसान पहुंचा है. जिले में गुरुवार को हुई तेज बारिश ने समिति प्रबंधकों की चिंता बढ़ा दी है. धीमे परिवहन की वजह से उपार्जन केंद्रों में खुले में रखे हजारों क्विंटल धान के भीगने का डर बना हुआ है.
बेमौसम बारिश ने बढ़ाई चिंता जिले के अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे धान रखा हुआ है. उठाव नहीं हो पाने के कारण खरीदी केंद्रों में हजारों क्विंटल धान जमा हो गया है. बदलते मौसम और रुक-रुककर हो रही बारिश से धान के खराब होने का डर बना हुआ है. एडका धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक जयनाथ देवांगन का कहना है कि धान को तिरपाल और प्लास्टिक की शीट से ढंका गया है, लेकिन तेज बारिश और आंधी-तूफान में ये काम नहीं आ रहे. उन्होंने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में शेड तो बनाए गए हैं, लेकिन रखे गए धान को छाया और बारिश से बचाने के इंतजाम नहीं हैं.
धान में आ रही नमी
छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से 30 जनवरी तक धान की खरीदी की गई थी. जयनाथ देवांगन ने बताया कि एडका धान खरीदी केंद्र में 36 हजार 800 क्विंटल धान की खरीदी की गई है. अब तक 18 हजार 370 क्विंटल धान का उठाव किया गया है, लेकिन धीमी गति से धान का परिवहन होने और बेमौसम बारिश के कारण धान में नमी आने लगी है. प्रत्येक धान की बोरी में 1 से 2 किलो की कमी आ रही है. इससे समिति को नुकसान हो रहा है. शासन के अनुसार 72 दिनों में धान का उठाव कर लेना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.
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बेमौसम बारिश ने बढ़ाई चिंता
जिले में इस साल कुल 1 लाख 95 हजार 441 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी. जिले में अब तक 48 हजार 700 क्विंटल धान का उठाव मिलर्स द्वारा किया गया है. खरीदी केंद्रों में अब भी 1 लाख 46 हजार 741 क्विंटल धान जमा है. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी खत्म हुए 2 सप्ताह से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अब भी पूरा उठाव नहीं किया जा सका है. अब तेज बारिश होने से समिति को परेशानी हो रही है. संसाधनों के अभाव में धान खरीदी केंद्रों में धान रखने में परेशानी आ रही है.