नारायणपुर : निक्को खदान को हटाने की मांग को लेकर आदिवासियों का प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. आंदोलन कर रहे आदिवासियों से तहसीलदार आशुतोष शर्मा बात करने पहुंचे, तो उन्हें लौटा दिया. तहसीलदार ने आदिवासियों से लिखित में समस्या मांगी और हल करने का आश्वासन दिया. साथ ही तहसीलदार ने कहा कि 10 लोग जाकर जिला मुख्यालय बात कर सकते हैं. इस पर आदिवासियों ने सभी के जाने पर अड़े रहे. ग्रामीणों ने कहा कि वे अधिकारियों को लिखकर थक गए हैं. यहां जनप्रतिनिधि, विधायक, सांसद या मंत्री आएंगे तभी बात बनेगी. इसी बीच आदिवासियों से मिलने अरविंद नेताम पहुंचे.
हजारों की संख्या में ग्रामीण शुक्रवार को ओरछा मार्ग पर डटे रहे. पारंपरिक हथियार लहराते आदिवासियों ने निक्को हटाओ बस्तर बचाओ का नारा देते हुए आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनकारी प्रदर्शन में निक्को कंपनी को खदान की लीज निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. वहीं नक्सलियों के नाम से गिरफ्तार 6 आदिवासियों की जेल से रिहाई की भी मांग है. बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. ग्रामीणों ने 17 दिसंबर तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. उनका कहना है कि जब तक प्रशासन मौके पर नहीं पहुचेगा, वे रास्ता नहीं छोड़ेंगे.
नारायणपुर ओरछा मार्ग पूरी तरह से बंद
बस्तर संभाग समेत सैकड़ों गांवों के आदिवासी ग्रामीण आंदोलन करने के लिए लामबंद हुए हैं. आंदोलन के दूसरे दिन बड़ी रैली निकाली गई. जिसमें बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए. आदिवासी नेताओं ने भी इलाके में चल रहे हैं आंदोलन को समर्थन कर दिया है. इसी सिलसिले में बस्तर के बड़े आदिवासी नेता नारायणपुर के दौड़ाई पहुंचे जहां उन्होंने आदिवासी आंदोलन को समर्थन देते हुए इलाके में निक्को कंपनी को लीज पर दिए गए खदानों को गैरकानूनी करार किया है. आंदोलन के चलते नारायणपुर ओरछा मार्ग पूरी तरह से बंद है.
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