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नारायणपुर: 'हरे सोने' का संग्रह शुरू, बदल रही ग्रामीणों की तकदीर - Tendu leaf collection

नारायणपुर में हरा सोना यानी तेंदूपत्ता संग्रहण का काम सोमवार से शुरू हो गया है. इससे ग्रामीण बहुत खुश हैं. ग्रामीण सुबह 4-5 बजे से ही तेंदूपत्ता संग्रहण करने के लिए जंगलों की ओर निकल पड़ते हैं.

Storage of 'green gold' started in Narayanpur
नारायणपुर में 'हरा सोना' का संग्रहण शुरू

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Published : May 6, 2020, 8:36 AM IST

Updated : May 6, 2020, 3:48 PM IST

नारायणपुर: जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम सोमवार यानि 4 मई से शुरू हो गया है. तेंदूपत्ता को छत्तीसगढ़ में हरा सोना भी कहते हैं. हर साल इसका इंतजार ग्रामीण बेसब्री से करते हैं, क्योंकि तेंदूपत्ते से अच्छी आमदनी हो जाती है, जिससे ग्रामीण परिवारों का घर चलता है.

नारायणपुर में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू

फिलहाल नारायणपुर में भी तेंदूपत्ता संग्रहण वनवासी कर रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार की ओर से इसके संग्रहण, परिवहन और भंडारण के काम को कोरोना महामारी के समय भी प्रतिबंधित नहीं किया गया है. नारायणपुर जिले में तेंदूपत्ता तोड़ाई की सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं.

सुबह से ही तेंदूपत्ता तोड़ने निकल पड़ते हैं ग्रामीण

वनांचल क्षेत्र में इन दिनों हरे सोने के जरिए ग्रामीण अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में जुटे हुए हैं. इन दिनों लॉकडाउन है, तो सभी अपने परिवार सहित तेंदूपत्ता तोड़ाने के काम में जुट गए हैं. लोग जंगलों में सुबह 4-5 बजे से ही तेंदूपत्ता संग्रहण करने के लिए निकल पड़ते हैं.

50 पत्ते की बनती है एक गड्डी

संग्राहक चमराराम उसेंडी बताते हैं कि जंगलों-पहाड़ों पर स्थित तेंदू के पौधों से वे एक-एक कर पत्ता संग्रहित करते हैं. तोड़ने के बाद सभी पत्तों का गड्डी तैयार करते हैं. एक गड्डी में 50 पत्ते होते हैं. 25-25 पत्ते अलग-अलग दिशा में रखकर उन्हें एक गड्डी के रूप में रस्सी से बांधते हैं. गड्डी तैयार होने पर शाम को फड़ में ले जाकर उसे बेचते हैं. जहां फड़ मुंशी के निरीक्षण के बाद गड्डी को फड़ (पत्ता सुखाने चिन्हित स्थान) में सुखाते हैं.

वनमंडलाधिकारी ने दी जानकारी

वनमंडलाधिकारी डीकेएस चौहान ने बताया कि नारायणपुर जिले को इस साल 23 हजार 100 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण करने का लक्ष्य मिला है, जिसके एवज में खरीदी के पहले ही दिन लगभग 3 हजार 450 मानक बोरा की खरीदी कर ली गई है. जिले में कुल 8 समितियों के 12 लॉट्स में से 3 लॉट्स ठेकेदारों ने खरीद लिए हैं. बाकी 9 लॉट्स में विभाग से खरीदी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ फड़ में काम किया जाता है. सभी संग्राहक परिवारों को महिला स्वसहायता समूहों के बनाए हुए मास्क का वितरण किया गया है. खरीदे गए तेन्दूपत्ता का भुगतान तेन्दूपत्ता संग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से उनके खाते में किया जाएगा.

पढ़ें: कोरोना संकट के बीच 'हरा सोना' बनेगा ग्रामीणों के लिए वरदान

जिले के स्थानीय लोग तेंदूपत्ता को 'हरा सोना' कहते हैं. जंगलों में मिलने वाला यह पत्ता मूल रूप से बीड़ी बनाने के काम आता है, लेकिन यहां के ग्रामीणों की आय का प्रमुख जरिया भी यही है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही तेंदूपत्ता संग्रहण का काम शुरू हो जाता है. सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, जिसके हिसाब से प्रति सौ बंडल के हिसाब से 400 रुपए का भुगतान किया जाता है.

Last Updated : May 6, 2020, 3:48 PM IST

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